पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा (WBJEE) 2025 के परिणाम में देरी ने छात्रों और अभिभावकों दोनों की चिंता बढ़ा दी है। परिणाम में इस विलंब का मुख्य कारण कलकत्ता हाई कोर्ट का एक महत्वपूर्ण आदेश है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड (WBJEEB) को एक नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए उचित आरक्षण नियमों का पालन किया जाए।
विलंब का कारण और कोर्ट का आदेश
पिछले कुछ समय से WBJEE के नतीजों पर कानूनी पेंच फंसा हुआ था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने पहले एक फैसले में ओबीसी आरक्षण की एक सूची को रद्द कर दिया था, जिसके कारण मेरिट लिस्ट जारी करने में बाधा आ रही थी। हाल ही में, कोर्ट ने WBJEEB को पुरानी नीति के तहत ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 7% आरक्षण के साथ एक नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया।
इस आदेश का पालन करने के लिए, बोर्ड ने एक अधिसूचना जारी कर सभी एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति), और ओबीसी उम्मीदवारों से अपने जाति प्रमाण पत्र दोबारा अपलोड करने को कहा है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि मेरिट लिस्ट तैयार करते समय सही और सत्यापित डेटा का उपयोग हो।
छात्रों पर असर और आगे की राह
WBJEE 2025 के परिणाम में हो रही देरी से हजारों छात्र प्रभावित हो रहे हैं। जहां अन्य राज्यों में इंजीनियरिंग और फार्मेसी जैसे कोर्सों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, वहीं बंगाल के छात्र अनिश्चितता में फंसे हुए हैं। इस विलंब के कारण कई छात्रों को राज्य के बाहर के कॉलेजों में एडमिशन लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कुछ छात्र संगठनों ने भी इस देरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है।
बोर्ड ने SC/ST/OBC उम्मीदवारों को 21 अगस्त, 2025 तक अपने प्रमाण पत्र अपलोड करने के लिए कहा है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद ही नई मेरिट लिस्ट तैयार की जा सकेगी और परिणाम घोषित होने की उम्मीद है। हालांकि, अभी तक परिणाम जारी होने की कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं की गई है, लेकिन कोर्ट ने इस प्रक्रिया को 15 दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि परिणाम जल्द ही जारी किए जा सकते हैं।