Jammu and Kashmir में मंगलवार को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर एक बड़ा और दुखद हादसा कर दिया है। इस भूस्खलन में 31 श्रद्धालुओं की दुखद मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। यह घटना रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी धाम के दर्शन के लिए जाने वाले पैदल मार्ग पर हुई।
कैसे हुआ हादसा?
यह दर्दनाक हादसा अर्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के नजदीक हुआ। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण त्रिकुटा पहाड़ियों से अचानक मलबा और भारी-भरकम चट्टानें नीचे आ गिरीं, जिनकी चपेट में कई श्रद्धालु आ गए। यह भूस्खलन इतना भीषण था कि यात्रा मार्ग का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से मलबे में दब गया, जिससे वहां मौजूद श्रद्धालुओं को भागने का मौका भी नहीं मिला। हादसे के तुरंत बाद चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।
बचाव और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही भारतीय सेना, पुलिस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य शुरू किया गया। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए कड़ी मशक्कत की गई। घायलों को तुरंत पास के अस्पतालों में पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि मलबे में अभी भी कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है।

यात्रा पर लगी रोक
हादसे के बाद, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने एहतियात के तौर पर यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया है। यह फैसला श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। श्राइन बोर्ड ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर भी जानकारी साझा की है और लोगों से मौसम सामान्य होने तक यात्रा न करने की अपील की है।
जम्मू में आसमानी आफत
यह भूस्खलन Jammu and Kashmir में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश और बाढ़ का ही एक परिणाम है। पूरे जम्मू क्षेत्र में नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिससे कई स्थानों पर अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) सहित कई प्रमुख सड़कें भी बाधित हो गई हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और भी गंभीर होने की आशंका है।