अफ्रीका के मध्य में स्थित लोकतांत्रिक गणराज्य Congo एक बार फिर इस्लामिक आतंकवादियों की बर्बरता का गवाह बना है। देश के पूर्वी प्रांत उत्तरी किवु के बेनी क्षेत्र में स्थित एक शांत गांव में घुसकर विद्रोहियों ने महिलाओं सहित कम से कम 66 निहत्थे नागरिकों की गला काटकर निर्मम हत्या कर दी। इस हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को गहरे सदमे और भय में डाल दिया है। शुरुआती जांचों और स्थानीय अधिकारियों के बयानों के अनुसार, इस क्रूर नरसंहार के पीछे इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े विद्रोही समूह एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज (ADF) का हाथ माना जा रहा है।
घटना की भयावहता और क्रूरता का मंजर
यह अमानवीय हमला देर रात को हुआ, जब ग्रामीण अपने घरों में सो रहे थे। हथियारबंद हमलावर अचानक गांव में घुस आए और सोते हुए लोगों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, हमलावरों ने खास तौर पर महिलाओं और बच्चों को अपनी क्रूरता का निशाना बनाया। कई पीड़ितों के गले तेज धार वाले हथियारों से काटे गए, जो हमलावरों की हैवानियत को साफ दर्शाता है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि हमलावरों ने घरों में आग लगा दी और खेतों को भी नष्ट कर दिया, जिससे बचे हुए लोगों के लिए जीवनयापन और भी कठिन हो गया है। इस हमले ने न केवल कई परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि पूरे समुदाय में गहरे जख्म भी छोड़े हैं।
हमले के पीछे का समूह और ISIS से उसके संबंध
एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेज (ADF) मूल रूप से युगांडा का एक विद्रोही समूह है जो पिछले कई दशकों से पूर्वी कांगो में सक्रिय है। हालांकि शुरुआत में यह युगांडा सरकार के खिलाफ लड़ रहा था, लेकिन हाल के वर्षों में इसकी विचारधारा में बड़ा बदलाव आया है। ADF ने इस्लामिक स्टेट (ISIS) के प्रति निष्ठा की घोषणा की है, और ISIS ने भी ADF को अपनी “मध्य अफ्रीकी प्रांत” शाखा के रूप में मान्यता दी है। ISIS अक्सर ADF द्वारा की गई कई हिंसक गतिविधियों की जिम्मेदारी लेता रहा है। ADF अक्सर आम नागरिकों को निशाना बनाता है, गांवों पर हमला करता है, लोगों का अपहरण कर फिरौती वसूलता है। इस समूह का मुख्य एजेंडा पूर्वी कांगो में एक इस्लामिक खिलाफत स्थापित करना है।
बढ़ती हिंसा और गहराता मानवीय संकट
पूर्वी Congo लंबे समय से विभिन्न सशस्त्र समूहों और मिलिशिया की गतिविधियों का गढ़ रहा है, जो खनिज संसाधनों पर नियंत्रण और राजनीतिक प्रभाव के लिए आपस में लड़ते रहते हैं। ADF के बढ़ते हमलों ने इस क्षेत्र में पहले से ही गंभीर मानवीय संकट को और बदतर बना दिया है। लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं, और उन्हें भोजन, पानी, और चिकित्सा सहायता जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय संगठन इस क्षेत्र में सहायता पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण उनका काम अक्सर बाधित होता है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया और आगे की राह
Congo में हुई इस नृशंस हत्या की घटना पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी निंदा व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के कई देशों ने हिंसा को तत्काल रोकने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया है। हालांकि, केवल निंदा पर्याप्त नहीं है। कांगो सरकार और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों को मिलकर काम करना होगा ताकि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल की जा सके। इसमें सशस्त्र समूहों को निरस्त्र करना, प्रभावित समुदायों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना, और स्थानीय आबादी के लिए आर्थिक अवसर पैदा करना शामिल है। जब तक इन मूल मुद्दों का समाधान नहीं किया जाता, तब तक कांगो के लोगों को इस तरह की बर्बरता का सामना करते रहना पड़ सकता है।
क्या आपको लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को Congo में शांति स्थापित करने के लिए और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए?