Tuesday, October 7, 2025
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झारखंड के दिग्गज नेता Shibu Soren का निधन: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई सांसदों ने दी श्रद्धांजलि

झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में एक युग का अंत हो गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री Shibu Soren का निधन हो गया है। ‘गुरुजी’ के नाम से लोकप्रिय, सोरेन 90 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर ने पूरे राज्य और देश में शोक की लहर फैला दी है।

Shibu Soren को झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन का जनक माना जाता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन आदिवासियों के अधिकारों और उनकी पहचान के लिए समर्पित कर दिया। उनकी राजनीतिक यात्रा संघर्ष, समर्पण और नेतृत्व की एक अनूठी गाथा है। वे न केवल एक राजनीतिज्ञ थे, बल्कि लाखों आदिवासियों के लिए एक प्रेरणा और आशा की किरण थे।

उनके निधन पर देश के राजनीतिक जगत ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “Shibu Soren जी के निधन से गहरा दुख हुआ। वे झारखंड के एक सच्चे दिग्गज थे, जिन्होंने अपना जीवन गरीबों और आदिवासियों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी सोरेन को याद करते हुए ट्वीट किया, “झारखंड के जननायक Shibu Soren जी का जाना भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने अपने संघर्षों से एक अलग राज्य की स्थापना की और आदिवासियों के अधिकारों के लिए आजीवन लड़ाई लड़ी। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।”

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा, “Shibu Soren जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। वे झारखंड के एक सच्चे दिग्गज थे, जिनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने राज्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय राजनीति में उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।”

इसके अतिरिक्त, कई अन्य नेताओं, जिनमें केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और विभिन्न दलों के सांसद शामिल हैं, ने भी सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त किया है। झारखंड सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

Shibu Soren ने कई बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और केंद्र में मंत्री भी रहे। उनका राजनीतिक जीवन उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी अपने सिद्धांतों और आदिवासियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को नहीं छोड़ा। उनकी सादगी, संघर्ष और जनसेवा की भावना उन्हें हमेशा ‘गुरुजी’ के रूप में सम्मान दिलाती रहेगी।

उनके निधन से झारखंड की राजनीति में एक खालीपन आ गया है, जिसे भरना मुश्किल होगा। Shibu Soren का जाना सिर्फ एक व्यक्ति का जाना नहीं है, बल्कि एक विचारधारा और एक आंदोलन का अंत है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।

हलीमा खलीफा
हलीमा खलीफाhttps://www.khalifapost.com/
हलीमा खलीफा एक प्रतिभाशाली लेखिका हैं जो पहचान, संस्कृति और मानवीय संबंधों जैसे विषयों पर लिखती हैं। उनके आगामी कार्यों के अपडेट के लिए Khalifapost.com पर बने रहें।
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