Monday, October 6, 2025
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फिल्म समीक्षा:  Hari Hara Veera Mallu – एक औसत पीरियड ड्रामा जो दर्शकों को पसंद आएगा

निर्देशक कृष जगरलामुडी की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘ Hari Hara Veera Mallu’ आखिरकार सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। यह एक पीरियड ड्रामा है जिसमें पावर स्टार पवन कल्याण मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म से दर्शकों को काफी उम्मीदें थीं, खासकर इसके भव्य सेट और एक्शन दृश्यों को लेकर। क्या यह फिल्म उन उम्मीदों पर खरी उतरती है? आइए जानते हैं।

कहानी और पृष्ठभूमि: ‘ Hari Hara Veera Mallu’ की कहानी 17वीं शताब्दी के मुगल साम्राज्य के दौर में स्थापित है। फिल्म एक ऐसे नायक की गाथा है जो गरीबों और वंचितों के लिए लड़ता है, और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है। पवन कल्याण ने  Hari Hara Veera Mallu का किरदार निभाया है, जो एक लोक नायक है और मुगल शासकों के खजाने को लूटकर उसे जरूरतमंदों में बांटता है। कहानी में ऐतिहासिक घटनाओं का पुट है, लेकिन इसे एक फिक्शनल ड्रामा के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें देशभक्ति, शौर्य और न्याय के तत्वों को पिरोया गया है।

अभिनय: पवन कल्याण अपने चिर-परिचित अंदाज में लौटे हैं। उनके प्रशंसकों के लिए यह फिल्म किसी उत्सव से कम नहीं है। वह अपने किरदार में पूरी तरह से ढले हुए नजर आते हैं और एक्शन दृश्यों में उनका स्वैग देखते ही बनता है। उनके डायलॉग डिलीवरी और स्क्रीन प्रेजेंस ने दर्शकों को खूब लुभाया है। हालांकि, कुछ दृश्यों में उन्हें और अधिक गहराई लाने का मौका मिल सकता था। निधि अग्रवाल और नरगिस फाखरी ने अपनी भूमिकाओं को बखूबी निभाया है, लेकिन उनके किरदारों को और विस्तार दिया जा सकता था। सहायक कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।

निर्देशन और तकनीकी पक्ष: कृष जगरलामुडी ने एक भव्य फिल्म बनाने की कोशिश की है। उन्होंने पीरियड ड्रामा के माहौल को सफलतापूर्वक स्थापित किया है। फिल्म के सेट डिजाइन, वेशभूषा और सिनेमैटोग्राफी प्रभावशाली हैं, जो दर्शकों को उस युग में ले जाते हैं। एक्शन सीक्वेंस फिल्म का मुख्य आकर्षण हैं, जिन्हें बड़े पैमाने पर फिल्माया गया है। हालांकि, फिल्म की गति कुछ जगहों पर धीमी पड़ जाती है, खासकर पहले हाफ में। संपादन को थोड़ा और कसा जा सकता था ताकि कहानी में निरंतरता बनी रहे। संगीत और बैकग्राउंड स्कोर फिल्म के मूड को बनाए रखने में मदद करते हैं, लेकिन कुछ गाने अनावश्यक लगते हैं। वीएफएक्स का काम औसत है, कुछ दृश्यों में यह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है कि यह ग्राफिक्स का उपयोग है।

क्या है खास और क्या है कमी? फिल्म की सबसे बड़ी खासियत इसका ‘मास अपील’ है। पवन कल्याण के फैंस को यह फिल्म जरूर पसंद आएगी क्योंकि इसमें उनके लिए सब कुछ है – एक्शन, डायलॉग्स और उनका स्टारडम। भव्यता और बड़े पैमाने पर फिल्माए गए दृश्य भी फिल्म को एक देखने लायक अनुभव बनाते हैं।

हालांकि, फिल्म की कहानी में कुछ नयापन नहीं है। यह एक साधारण नायक की कहानी है जो अन्याय से लड़ता है, जिसे हमने पहले भी कई फिल्मों में देखा है। पटकथा थोड़ी कमजोर है और किरदारों का विकास उतना मजबूत नहीं है जितना एक पीरियड ड्रामा में होना चाहिए। भावनात्मक जुड़ाव की कमी महसूस होती है, जिससे दर्शक पूरी तरह से कहानी में डूब नहीं पाते।

निष्कर्ष: ‘ Hari Hara Veera Mallu’ एक औसत पीरियड ड्रामा है जो अपने भव्य दृश्यों और पवन कल्याण के दमदार अभिनय के दम पर दर्शकों को आकर्षित करता है। यदि आप पवन कल्याण के प्रशंसक हैं और बड़े पर्दे पर एक्शन और ड्रामा देखना पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक बार देखने लायक हो सकती है। यह एक ‘पास करने योग्य’ फिल्म है जो आपको निराश नहीं करेगी, लेकिन बहुत ज्यादा प्रभावित भी नहीं करेगी।

हलीमा खलीफा
हलीमा खलीफाhttps://www.khalifapost.com/
हलीमा खलीफा एक प्रतिभाशाली लेखिका हैं जो पहचान, संस्कृति और मानवीय संबंधों जैसे विषयों पर लिखती हैं। उनके आगामी कार्यों के अपडेट के लिए Khalifapost.com पर बने रहें।
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