केंद्र सरकार ने Online Gaming Bill को मंज़ूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य देश में ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करना है। इस विधेयक का मकसद पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग लेनदेन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना है। यह कदम ऑनलाइन जुए, सट्टेबाजी, और वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है।
विधेयक के मुख्य प्रावधान
नया विधेयक, जिसे संसद में पेश किया जाना है, कई महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा:
- रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध: यह विधेयक विशेष रूप से उन ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाएगा जिनमें वास्तविक धन का लेनदेन होता है। इसका उद्देश्य सट्टेबाजी और जुए के रूप में चल रहे इन गेम्स को रोकना है, जो युवाओं को वित्तीय जोखिम और लत की ओर धकेलते हैं।
- वित्तीय लेनदेन पर रोक: विधेयक के कानून बनने के बाद, बैंक और वित्तीय संस्थान किसी भी रियल-मनी गेमिंग लेनदेन को प्रोसेस नहीं कर पाएंगे। यह एक बड़ा कदम है जो ऐसे गेम्स को वित्तीय समर्थन मिलने से रोकेगा।
- सख्त सजा का प्रावधान: विधेयक में ऑनलाइन सट्टेबाजी और धोखाधड़ी को एक दंडनीय अपराध बनाने का प्रावधान है। नए आपराधिक कानूनों के तहत, अवैध सट्टेबाजी में शामिल पाए जाने पर 7 साल तक की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है।
- सेलिब्रिटी विज्ञापन पर पाबंदी: जो सेलिब्रिटी या सार्वजनिक हस्तियां सट्टेबाजी या जुए से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स का प्रचार करती हैं, उन पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य युवाओं को ऐसे प्लेटफॉर्म्स के संभावित हानिकारक प्रभावों से बचाना है।
- वैध और अवैध का वर्गीकरण: इस विधेयक से कौशल-आधारित (Skill-based) और संयोग-आधारित (Chance-based) खेलों के बीच स्पष्ट अंतर स्थापित होगा। सरकार ई-स्पोर्ट्स और ऐसे खेलों को बढ़ावा देना चाहती है जिनमें कोई वित्तीय जोखिम नहीं है।
- अवैध वेबसाइटों को ब्लॉक करने का अधिकार: सरकार को अवैध या अपंजीकृत गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को तुरंत ब्लॉक करने का अधिकार मिलेगा। 2022 से फरवरी 2025 तक, सरकार पहले ही 1,400 से अधिक सट्टेबाजी और जुए की वेबसाइटों और ऐप्स को ब्लॉक कर चुकी है।
सरकार का उद्देश्य और प्रभाव
सरकार का मानना है कि यह विधेयक देश में एक जिम्मेदार और सुरक्षित डिजिटल इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य न केवल नियमों को सख्ती से लागू करना है, बल्कि गेमिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाना और जवाबदेही तय करना भी है।
- उपभोक्ताओं की सुरक्षा: यह कदम युवाओं को मानसिक और वित्तीय जोखिमों से बचाएगा, क्योंकि ऐसे खेलों से लत और कर्ज जैसी समस्याएं बढ़ रही थीं।
- पारदर्शिता में वृद्धि: मौजूदा और नई गेमिंग कंपनियों के लिए नियम और भी स्पष्ट हो जाएंगे, जिससे कानूनी अनिश्चितता कम होगी और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
- राजस्व में वृद्धि: सरकार ने पहले ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी और जीत पर 30% आयकर लगाना शुरू कर दिया है। नए विधेयक से राजस्व संग्रह में और वृद्धि होने की उम्मीद है, क्योंकि यह विदेशी कंपनियों द्वारा कर चोरी को रोकेगा।
इस विधेयक के कानून बनने से Online Gaming Bill उद्योग में बड़ा बदलाव आएगा। जो कंपनियां बिना किसी नियमन के वर्चुअल मनी या रियल कैश गेम्स चला रही हैं, उन्हें अपनी नीतियों में बदलाव करना होगा। यह कदम भारत को एक जिम्मेदार और सुरक्षित गेमिंग बाजार के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।