देवभूमि ‘Himachal Pradesh एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। सोमवार रात को मंडी जिले में बादल फटने और उसके बाद आई भीषण अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने भारी तबाही मचाई है। इस दुखद घटना में अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि एक महिला अभी भी लापता बताई जा रही है। लगभग 15-20 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है, लेकिन नुकसान का आंकलन अभी भी जारी है।
रात भर हुई मूसलाधार बारिश का कहर
जानकारी के अनुसार, सोमवार रात करीब 11 बजे मंडी शहर में मूसलाधार बारिश शुरू हुई, जिसने सुबह 4 बजे तक विकराल रूप ले लिया। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि भारी बारिश के कारण जेल रोड और अस्पताल रोड जैसे क्षेत्रों में अचानक बाढ़ आ गई। पहाड़ों से पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा और कीचड़ नीचे आया, जिसने कई वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया और दर्जनों गाड़ियां मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गईं। कई घरों में पानी और मलबा घुस गया, जिससे लोगों का भारी नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि मरने वाले लोग गाड़ियों को नाले से निकालने की कोशिश कर रहे थे, तभी वे तेज बहाव में बह गए।
राहत और बचाव कार्य जारी
आपदा की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुट गईं। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और लापता महिला की तलाश के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और कहा है कि सरकार प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
सड़कें अवरुद्ध, जनजीवन प्रभावित
इस भारी बारिश और भूस्खलन के कारण मंडी जिले में कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिनमें चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे (NH-3) और पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे (NH-154) भी शामिल हैं। वाड़ा, झलोगी और अन्य स्थानों पर भारी भूस्खलन के कारण यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। मंडी के जोनल अस्पताल का गेट भी मलबे से भर गया है, जिससे मरीजों को अस्पताल पहुंचने में खासी दिक्कतें आ रही हैं। शहर और उसके आसपास के कई आंतरिक मार्ग भी बंद हो चुके हैं, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बार-बार की आपदा और चिंताएं
यह पहली बार नहीं है जब हिमाचल प्रदेश को ऐसी प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा है। पिछले एक महीने में यह दूसरी बड़ी आपदा है। करीब एक माह पहले भी मंडी जिले के सराज, नाचन, धर्मपुर और करसोग विधानसभा क्षेत्रों में बादल फटने से 15 लोगों की जान चली गई थी। राज्य में लगातार हो रही ऐसी घटनाएं विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि अनियंत्रित निर्माण कार्य और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन ऐसी आपदाओं की आवृत्ति को बढ़ा रहा है।
प्रशासन लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील कर रहा है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं