उत्तर कोरियाई नेता Kim Jong उन ने यूक्रेन संघर्ष में रूस को अपने अटूट समर्थन की फिर से पुष्टि की है। उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए (KCNA) के अनुसार, किम ने यह घोषणा रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात के दौरान की, जो प्योंगयांग की यात्रा पर हैं। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब रूस और उत्तर कोरिया के बीच सैन्य और राजनीतिक संबंध लगातार गहरे हो रहे हैं, जिससे पश्चिमी देशों की चिंताएँ बढ़ गई हैं।
केसीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, Kim Jong उन ने लावरोव के साथ अपनी बैठक में कहा कि उत्तर कोरिया “यूक्रेन युद्ध सहित सभी महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मुद्दों पर रूस के रुख और उसकी विदेश नीतियों का बिना शर्त समर्थन करेगा।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देश रणनीतिक मुद्दों पर “समान विचार” साझा करते हैं, जो उनके बढ़ते गठबंधन की पुष्टि करता है। किम ने उम्मीद जताई कि रूस इस युद्ध में निश्चित रूप से विजयी होगा।
यह बयान रूस और उत्तर कोरिया के बीच गहरे होते संबंधों का नवीनतम संकेत है। पिछले कुछ समय से दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में अपने सहयोग को मजबूत कर रहे हैं, विशेषकर सैन्य क्षेत्र में। ऐसी खबरें भी हैं कि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन युद्ध में रूस को सैन्य सहायता प्रदान की है, जिसमें तोप के गोले और अन्य हथियार शामिल हैं। बदले में, पश्चिमी देशों को चिंता है कि रूस उत्तर कोरिया को संवेदनशील सैन्य प्रौद्योगिकी हस्तांतरित कर सकता है, जिससे उसके परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को बढ़ावा मिल सकता है।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की यह यात्रा, मास्को के शीर्ष अधिकारियों की प्योंगयांग की उच्च-स्तरीय यात्राओं की श्रृंखला का हिस्सा है। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच जून 2024 में हुए रणनीतिक साझेदारी समझौते के कार्यान्वयन पर चर्चा करना भी था। लावरोव ने इस मुलाकात के दौरान कूटनीतिक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार की प्रशंसा की और रणनीतिक तथा सामरिक सहयोग को और मजबूत करने की अपनी मंशा व्यक्त की।
यह गठबंधन संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इन देशों ने हाल ही में कोरियाई प्रायद्वीप के पास संयुक्त हवाई अभ्यास किए हैं और उत्तर कोरिया से क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाली सभी “अवैध गतिविधियों” को रोकने का आग्रह किया है। उनका मानना है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ता सैन्य सहयोग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों का खुला उल्लंघन है।
विश्लेषकों का मानना है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच यह बढ़ती निकटता वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। जहां रूस यूक्रेन में अपनी सैन्य कार्रवाई के लिए समर्थन जुटा रहा है, वहीं उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय अलगाव से बाहर निकलने और अपनी आर्थिक व सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह गठबंधन आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों और क्षेत्रीय स्थिरता को कैसे प्रभावित करता है।