Tuesday, October 7, 2025
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Dehradun में तबाही, मसूरी हुआ दुनिया से कट ऑफ, फंसे लोगों की मदद को आगे आए होटल मालिक

मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने उत्तराखंड के कई हिस्सों में कहर बरपाया है, जिसमें Dehradun और मसूरी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। Dehradun में बादल फटने जैसी घटना के बाद, मसूरी पूरी तरह से कट गया है, जिससे हजारों पर्यटक और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मसूरी के होटल एसोसिएशन ने फंसे हुए पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे मुफ्त में खोल दिए हैं, जिससे मानवता की एक मिसाल पेश की गई है।

सड़कों का संपर्क टूटा, जीवन अस्त-व्यस्त

Dehradun में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण शहर और मसूरी के बीच का मुख्य संपर्क टूट गया है। Dehradun-मसूरी राजमार्ग कई जगहों पर भूस्खलन और मलबा आने से बंद हो गया है। इसके अलावा, देहरादून के बाहरी इलाकों में सहस्त्रधारा और मालदेवता जैसे स्थानों पर भी भारी तबाही हुई है, जहाँ सड़कें बह गईं और पुलों को भारी नुकसान पहुँचा। इन घटनाओं ने न केवल यातायात को रोका है, बल्कि लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल दिया है।

कई लोग, विशेष रूप से मरीज, जो देहरादून में इलाज के लिए जा रहे थे, वे मसूरी में फंस गए हैं। इनमें से एक किडनी के मरीज मुकेश को डायलिसिस के लिए देहरादून जाना था, लेकिन सड़क बंद होने के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। बाद में, आईटीबीपी के हेलीपैड से उन्हें और 11 अन्य मरीजों को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था की गई, जो यह दर्शाता है कि स्थिति कितनी गंभीर है।

होटलों ने पेश की मानवता की मिसाल

जब प्राकृतिक आपदा ने सब कुछ ठप कर दिया है, तब मसूरी के होटल मालिकों ने एक सराहनीय कदम उठाया है। मसूरी होटल एसोसिएशन ने फंसे हुए पर्यटकों के लिए मुफ्त रहने और खाने की व्यवस्था की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा, “हम आपदा को व्यापार का अवसर नहीं बना सकते। इन लोगों को अपनी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और दोबारा निर्धारित करनी पड़ीं। ऐसे में उनसे पैसे लेना गलत होता।” उन्होंने बताया कि वे स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर वैकल्पिक रास्तों की तलाश कर रहे हैं ताकि पर्यटक सुरक्षित रूप से Dehradun पहुँच सकें। कई पर्यटकों ने इस मानवीय सहायता के लिए होटल स्टाफ का आभार व्यक्त किया है। हरिद्वार के एक व्यापारी, राजेंद्र शर्मा, जो मसूरी में फंसे हैं, ने बताया कि होटल ने उनके ठहरने और खाने का पूरा खर्च उठाया है, जिससे उनकी मुश्किलें काफी कम हो गई हैं।

सरकार और राहत एजेंसियों का प्रयास

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर लगातार नजर रखी हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी हालात की जानकारी दी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। Dehradun के आईटी पार्क जैसे इलाकों में भी भारी जलभराव हुआ है, जहाँ से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। अब तक, Dehradun जिले में कम से कम 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 16 लोग अभी भी लापता हैं। इस त्रासदी ने 13 पुलों, 21 सड़कों और कई आवासीय और व्यावसायिक इमारतों को भी भारी नुकसान पहुँचाया है।

यह त्रासदी एक बार फिर हिमालयी राज्यों में बढ़ती आपदाओं के प्रति चिंता पैदा करती है, जहाँ भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएँ आम हो गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और पहाड़ों में अनियोजित निर्माण इन घटनाओं की तीव्रता को बढ़ा रहे हैं। फिलहाल, राहत और बचाव कार्य जारी हैं और सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कब तक मसूरी और Dehradun के बीच का संपर्क बहाल हो पाता है।

हलीमा खलीफा
हलीमा खलीफाhttps://www.khalifapost.com/
हलीमा खलीफा एक प्रतिभाशाली लेखिका हैं जो पहचान, संस्कृति और मानवीय संबंधों जैसे विषयों पर लिखती हैं। उनके आगामी कार्यों के अपडेट के लिए Khalifapost.com पर बने रहें।
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