देश के युवा और होनहार अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu Shukla जब हाल ही में अपने गृह नगर लखनऊ लौटे, तो उनका स्वागत किसी हीरो से कम नहीं था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के ‘गगनयान’ मिशन का हिस्सा बनकर अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय समूह में शामिल होने के बाद, Shubhanshu Shukla को देखने और उनसे मिलने के लिए हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उमड़ पड़े। उनके इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पूरे शहर में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ गई।
एक असाधारण उपलब्धि
Shubhanshu Shukla का चयन गगनयान मिशन के लिए हुआ है, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है। इस मिशन के तहत, चार अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। उनका चुनाव न केवल उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि यह लखनऊ और पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ा सम्मान भी है। शुभांशु ने अपनी शुरुआती शिक्षा लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज से पूरी की। उनके शिक्षकों और सहपाठियों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए बताया कि वह बचपन से ही बहुत मेधावी और अनुशासित थे।
शहर में उत्सव का माहौल
अमर शहीद पथ से लेकर उनके घर तक, हर जगह लोग तिरंगे झंडे लिए और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए उनका अभिनंदन कर रहे थे। उनका काफिला जिस भी रास्ते से गुजरा, फूलों की वर्षा की गई और लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत किया। इस दौरान, Shubhanshu Shukla ने अपनी कार से बाहर आकर लोगों का अभिवादन किया और उनके प्यार तथा समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान उन्हें अपने देश और प्रदेश के लिए और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है।
भविष्य के लिए प्रेरणा
Shubhanshu Shukla की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि अगर आप में लगन और मेहनत हो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है। उनकी सफलता ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ा है और यह दिखाता है कि भारत अब अंतरिक्ष विज्ञान और अनुसंधान में विश्व के अग्रणी देशों में से एक बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उनकी यात्रा उन सभी बच्चों को प्रेरित करेगी जो विज्ञान और अंतरिक्ष में अपना करियर बनाना चाहते हैं।