दक्षिणी कन्नड़ (DK) और उडुपी जिलों में शिक्षा परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आने वाला है, क्योंकि इन क्षेत्रों की आंगनवाड़ियों में अब LKG (लोअर किंडरगार्टन) और UKG (अपर किंडरगार्टन) कक्षाएं शुरू की जा रही हैं। इसके साथ ही, प्राथमिक स्तर पर अंग्रेजी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा, जिसका उद्देश्य बच्चों को प्रारंभिक चरण से ही मजबूत शैक्षिक नींव प्रदान करना है। यह कदम राज्य सरकार द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में उठाया गया है।
आंगनवाड़ियों का सशक्तिकरण
इस पहल के तहत, तटीय क्षेत्र की कुल 110 को LKG और UKG कक्षाओं के लिए चुना गया है, जिनमें दक्षिणी कन्नड़ की 70 और उडुपी जिले की 40 आंगनवाड़ियां शामिल हैं। महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने इन कक्षाओं को शुरू करने के लिए प्रारंभिक व्यवस्थाएं शुरू कर दी हैं। हालांकि अभी तक आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए हैं, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ये कक्षाएं 2 अगस्त से शुरू होने की संभावना है।
यह निर्णय आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के संघों के विरोध के बाद आया है, जिन्होंने पहले सरकारी स्कूलों में प्री-प्राइमरी (LKG/UKG) अनुभाग शुरू करने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव का विरोध किया था। उनका तर्क था कि स्कूलों में प्री-प्राइमरी केंद्र खोलने से आंगनवाड़ियों के बंद होने का खतरा हो सकता है। इसके बाद, सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों के भीतर ही LKG और UKG अनुभाग शुरू करने पर सहमति व्यक्त की।
कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण
मंगलुरु ग्रामीण बाल विकास परियोजना अधिकारी, शैला के कारिगी के अनुसार, LKG और UKG कक्षाओं को प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए चयनित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को चरणबद्ध प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार नामांकित छात्रों को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, शिक्षण सामग्री और मध्याह्न भोजन भी प्रदान करेगी।
दक्षिणी कन्नड़ के महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक उस्मान ने बताया, “आंगनवाड़ियों में LKG और UKG कक्षाएं शुरू करने की तैयारियां पहले ही चल रही हैं। उचित बुनियादी ढांचे वाले केंद्रों का चयन किया गया है और उन्हें स्मार्ट टीवी और पाठ्यपुस्तकों से सुसज्जित किया गया है। आधिकारिक निर्देश मिलते ही कक्षाएं शुरू हो जाएंगी।”
अंग्रेजी माध्यम की ओर एक कदम
इस पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू प्राथमिक स्तर पर अंग्रेजी प्रशिक्षण की शुरुआत है। बदलते शैक्षिक परिवेश में अंग्रेजी भाषा के महत्व को देखते हुए, यह कदम बच्चों को कम उम्र से ही अंग्रेजी भाषा में दक्षता हासिल करने में मदद करेगा। यह सरकारी आंगनवाड़ियों को निजी संस्थानों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में भी सक्षम बनाएगा, जहां अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा एक प्रमुख आकर्षण है।
सरकार का यह निर्णय उन अभिभावकों के लिए भी राहत लेकर आया है जो निजी स्कूलों की महंगी फीस वहन नहीं कर सकते, लेकिन अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा प्रदान करना चाहते हैं। इससे सरकारी स्कूलों में नामांकन कम होने की समस्या का भी समाधान होने की उम्मीद है।
भविष्य की संभावनाएं
यह कदम कर्नाटक सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह राज्य भर में आंगनवाड़ी केंद्रों में मोंटेसरी कक्षाएं शुरू करने पर विचार कर रही है। पहले चरण में, 250 आंगनवाड़ी केंद्रों में LKG और UKG कक्षाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल के माध्यम से, कर्नाटक का लक्ष्य अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में उभरना है।
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर ने पहले कहा था कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आंगनवाड़ी केंद्रों में LKG और UKG कक्षाएं शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने यह भी बताया था कि आंगनवाड़ी केंद्रों को उन्नत किया जाएगा और बच्चों को LKG और UKG कक्षाओं में प्रवेश दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को पूर्व-प्राथमिक स्तर पर अच्छा भोजन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
कुल मिलाकर, दक्षिणी कन्नड़ और उडुपी की आंगनवाड़ियों में LKG और UKG कक्षाओं की शुरुआत और प्राथमिक स्तर पर अंग्रेजी प्रशिक्षण की पहल बच्चों के प्रारंभिक बचपन की शिक्षा को मजबूत करने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है। यह न केवल शिक्षा की पहुंच बढ़ाएगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मानकों को भी ऊपर उठाएगा।