मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान पर इस वर्ष Janmashtami का पावन पर्व 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। Janmashtami का यह उत्सव एक दिन का न होकर, कई दिनों तक चलने वाले विशेष कार्यक्रमों का हिस्सा होगा। 15 अगस्त से शुरू होकर 17 अगस्त तक मथुरा और वृंदावन में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस साल भगवान श्री कृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा, जिसमें देश भर से लाखों भक्तों के शामिल होने की उम्मीद है।
जन्माभिषेक और शयन आरती का समय
श्री कृष्ण जन्मस्थान पर जन्मोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। गर्भगृह को 221 किलो चांदी से सजाया गया है, जिसमें पारंपरिक कलाकृतियाँ उकेरी गई हैं। जन्माष्टमी की रात को होने वाले प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं:

- जन्माभिषेक कार्यक्रम: रात 11:00 बजे से श्री गणपति एवं नवग्रह स्थापना-पूजन आदि का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।
- प्राकट्य दर्शन/आरती: रात्रि 12:00 बजे से 12:10 बजे तक, जब भगवान कृष्ण का जन्म होगा, उनके प्राकट्य दर्शन और आरती की जाएगी।
- महाअभिषेक: इसके बाद, रात 12:10 बजे से 12:25 बजे तक पयोधर महाअभिषेक (कामधेनु) और रात 12:25 बजे से 12:40 बजे तक रजत कमल में ठाकुरजी का जन्म-महाभिषेक किया जाएगा।
- श्रृंगार और शयन आरती: रात 12:45 बजे से 12:50 बजे तक श्रृंगार आरती होगी और उसके बाद रात 1:55 बजे से 2:00 बजे तक शयन आरती की जाएगी।
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
Janmashtami पर इस साल कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस पर्व का महत्व और बढ़ गया है। मथुरा में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शहर के मुख्य मार्गों से लेकर गलियों तक विशेष व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, ब्रज, बुंदेलखंड, राजस्थान और हरियाणा के लोक कलाकार रास लीला और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे, जो इस उत्सव को और भी खास बना देंगी।