Saturday, October 4, 2025
Homeशिक्षाV. Narayanan ने उस्मानिया विश्वविद्यालय में इसरो के मेगा प्रोजेक्ट्स का अनावरण...

V. Narayanan ने उस्मानिया विश्वविद्यालय में इसरो के मेगा प्रोजेक्ट्स का अनावरण किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. V. Narayanan ने हाल ही में Osmania University के 84वें दीक्षांत समारोह में इसरो की महत्वाकांक्षी योजनाओं और आगामी मेगा परियोजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा द्वारा मानद डॉक्टरेट ऑफ साइंस की उपाधि से भी सम्मानित किया गया।

V. Narayanan ने अपने संबोधन में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की यात्रा का संक्षिप्त विवरण दिया और भविष्य के लिए निर्धारित लक्ष्यों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि किस तरह डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा विकसित शुरुआती रॉकेट का भार 17 टन था और वह 35 किलोग्राम पेलोड को निम्न-पृथ्वी कक्षा (low earth orbit) में स्थापित कर सकता था, जबकि अब इसरो 40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा एक ऐसा विशाल रॉकेट बनाने की योजना बना रहा है जो 75,000 किलोग्राम (75 टन) पेलोड को कक्षा में ले जा सकेगा।

आगामी परियोजनाएं और मील के पत्थर

V. Narayanan ने आने वाले वर्षों में इसरो की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी जिक्र किया:

  • भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन: उन्होंने घोषणा की कि इसरो 2035 तक अपना स्वयं का 52 टन वजनी अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। यह भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करेगा जिनके पास अपना अंतरिक्ष स्टेशन है।
  • उपग्रहों की संख्या में वृद्धि: वर्तमान में भारत के पास कक्षा में 55 उपग्रह हैं। V. Narayanan ने बताया कि इसरो का लक्ष्य अगले तीन से चार वर्षों में इस संख्या को तीन गुना बढ़ाना है।
  • नया रॉकेट और उपग्रह: उन्होंने बताया कि इस वर्ष अंतरिक्ष एजेंसी ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की योजना बनाई है, जिसमें एक नया नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (NavIC) उपग्रह और N1 रॉकेट का प्रक्षेपण शामिल है।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: इसरो, भारतीय रॉकेटों का उपयोग करके अमेरिका के 6,500 किलोग्राम वजनी संचार उपग्रह को भी कक्षा में स्थापित करेगा, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत के बढ़ते कद को दर्शाता है।
  • सैन्य उपग्रह: इस साल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेशन सैटेलाइट (TDS) और GSAT-7R का भी प्रक्षेपण किया जाएगा। GSAT-7R एक सैन्य संचार उपग्रह है जिसे विशेष रूप से भारतीय नौसेना के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह मौजूदा GSAT-7 (रुक्मिणी) उपग्रह की जगह लेगा।

असुरक्षित लॉन्च को टालने का फैसला

दीक्षांत समारोह में, V. Narayanan ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के हाल ही के सफल मिशन के बारे में एक महत्वपूर्ण घटना साझा की। उन्होंने बताया कि Axiom-4 मिशन का प्रक्षेपण 11 जून के लिए निर्धारित था, लेकिन उनकी टीम ने लॉन्च से एक दिन पहले रॉकेट में रिसाव का पता लगाया। इस खोज के बाद, टीम के आग्रह पर लॉन्च को 25 जून तक के लिए टाल दिया गया। उन्होंने कहा, “अगर रॉकेट उस स्थिति में उड़ान भरता, तो यह एक भयावह विफलता होती। भारतीय शिक्षा प्रणाली और इसरो के प्रशिक्षण के कारण इस खामी को दूर किया जा सका, और आज हमने न केवल शुभांशु शुक्ला, बल्कि उनके साथ तीन और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों का एक सुरक्षित मिशन पूरा किया है।”

मानसी शर्मा
मानसी शर्माhttps://www.khalifapost.com/
मानषी शर्मा एक समर्पित पत्रकार हैं जो शिक्षा, सरकारी योजनाओं और रोज़गार के अवसरों को कवर करती हैं। उनकी ज्ञानवर्धक रिपोर्टिंग का उद्देश्य जनता को सूचित और सशक्त करना है।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments