बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश ने Gaya जिले में जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, जिससे बाढ़ और व्यापक व्यवधान उत्पन्न हो गए हैं। कई क्षेत्रों में भारी जलभराव देखा जा रहा है, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
शेरघाटी शहर में स्थित पलकिया शेरपुर और फतेहपुर को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण पुल मोरहर नदी में आए उफान के कारण बह गया। इस घटना से स्थानीय लोगों का संपर्क टूट गया है, जिससे आवागमन में बड़ी बाधा उत्पन्न हो गई है।
लगातार हो रही बारिश के कारण गया-कोडरमा रेल मार्ग पर बासकटवा-यादुनगर घाटी रेलखंड में भूस्खलन भी हुआ। भूस्खलन से भारी मात्रा में मलबा रेलवे ट्रैक पर आ गिरा, जिसके परिणामस्वरूप कई घंटों तक ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं। इस अप्रत्याशित बाधा के कारण यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
बारिश का कहर केवल सड़कों और रेलवे ट्रैक तक ही सीमित नहीं रहा। Gaya के कई आवासीय क्षेत्रों में पानी भर गया, और बोधगया के निचले इलाकों में कई घरों में पानी घुस गया, जिससे निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। पकड़ी गुरिया गांव के किसान विशेष रूप से चिंतित हैं, क्योंकि उनकी धान की फसलें बाढ़ के पानी में बह गईं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
रेलवे कर्मियों और आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) ने रेलवे ट्रैक पर मलबे की घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया दी। कई घंटों के अथक प्रयासों के बाद, उन्होंने ट्रैक से मलबा हटाया और ट्रेन संचालन को फिर से शुरू किया। इस दौरान कई ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिनमें देहरादून एक्सप्रेस, हटिया-इस्लामपुर एक्सप्रेस, धनबाद फिरोजपुर एक्सप्रेस, नेताजी हावड़ा-कालका मेल, और गंगा-दामोदर एक्सप्रेस शामिल हैं।
यह स्थिति Gaya में मानसून की तीव्रता और इसके विनाशकारी प्रभावों को दर्शाती है, जिससे स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बढ़ गई है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी है।