Pakistan के अशांत Balochistan प्रांत में एक बार फिर खून-खराबे का मंज़र देखने को मिला है। अज्ञात बंदूकधारियों ने एक यात्री बस को रोककर नौ लोगों का अपहरण कर लिया और बाद में उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे देश में दहशत और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है, खासकर ऐसे समय में जब पाकिस्तान पहले से ही लगातार आतंकी हमलों से जूझ रहा है।
जानकारी के अनुसार, यह दर्दनाक वारदात Balochistan के झोब जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई। क्वेटा से लाहौर जा रही एक यात्री बस को हथियारबंद हमलावरों ने रोका। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, हमलावरों ने बस में सवार यात्रियों के पहचान पत्रों की जांच की और विशेष रूप से पंजाब प्रांत से संबंध रखने वाले नौ पुरुष यात्रियों को चुनकर अगवा कर लिया। इन निर्दोष लोगों को एक सुनसान जगह ले जाया गया और लगभग एक घंटे बाद उनके गोलियों से छलनी शव बरामद हुए। सभी मृतकों को बेहद करीब से गोली मारी गई थी, जिससे घटना की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
स्थानीय डिप्टी कमिश्नर हबीबुल्लाह मुसाखेल ने बताया कि हमलावरों की संख्या 10 से 12 थी। घटना को अंजाम देने के बाद उन्होंने सुरक्षा बलों पर भी रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) और स्वचालित हथियारों से हमला किया और अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। सुरक्षा बलों ने तत्काल पीछा करना शुरू किया, लेकिन हमलावर अब तक पकड़ में नहीं आ सके हैं।
इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए Balochistan सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने इसे एक “आतंकवादी घटना” करार दिया। उन्होंने कहा, “आतंकवादियों ने यात्रियों को बस से उतारा, उनकी पहचान की और फिर 9 निर्दोष पाकिस्तानियों की बेरहमी से हत्या कर दी।” मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने इसे “खुला आतंकवाद” बताया और अपराधियों को सख्त से सख्त सजा देने का संकल्प लिया। उन्होंने यह भी कहा कि निर्दोष लोगों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा और देश आतंकवादियों से पूरी ताकत से निपटेगा।
हालांकि, अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक की सुई बलूच विद्रोही गुटों पर है। Balochistan लंबे समय से उग्रवाद और अलगाववादी गतिविधियों से ग्रस्त रहा है। यहां सक्रिय बलूच विद्रोही गुट पाकिस्तान सरकार और सेना पर अत्याचार का आरोप लगाते रहे हैं। वे अक्सर पंजाबी या बाहरी प्रांतों के लोगों को निशाना बनाते रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ये लोग बलूचिस्तान के संसाधनों का दोहन कर रहे हैं और स्थानीय आबादी को उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं।
यह घटना पाकिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को भी उजागर करती है। हाल के महीनों में, पाकिस्तान, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और Balochistan प्रांतों में आतंकवादी हमलों में वृद्धि देखी गई है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) जैसे संगठन लगातार सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। बीएलएफ ने हाल ही में “ऑपरेशन बाम” नामक एक बड़ा अभियान शुरू करने का दावा किया है, जिसके तहत उन्होंने Balochistan के विभिन्न जिलों में 17 से अधिक स्थानों पर हमले किए हैं।
पाकिस्तान सरकार ने पहले ही N-70 मार्ग पर रात में यात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया था और सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) लागू की थीं। इसके बावजूद ऐसी बड़ी चूक से सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस ताजा हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पाकिस्तान में आतंकवाद एक गंभीर चुनौती बना हुआ है, जिससे निपटने के लिए एक मजबूत और निर्णायक रणनीति की तत्काल आवश्यकता है।