टेक दिग्गज Google भारत में अपने प्ले स्टोर पर रियल-मनी गेमिंग (RMG) ऐप्स के लिए अपनी नीतियों में महत्वपूर्ण बदलाव का प्रस्ताव कर रहा है। यह कदम स्थानीय गेमिंग प्लेटफॉर्म विनज़ो द्वारा दायर एक एंटीट्रस्ट शिकायत को निपटाने के प्रयास में उठाया गया है, जिसके बाद भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने जांच शुरू की थी। यदि ये बदलाव स्वीकृत हो जाते हैं, तो भारतीय गेमिंग उद्योग के लिए एक नया अध्याय शुरू हो सकता है, जिससे डेवलपर्स और उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए नए अवसर खुलेंगे।
वर्तमान स्थिति और प्रस्तावित परिवर्तन:
वर्तमान में, Google ने भारत में रियल-मनी गेम्स के लिए एक सीमित पायलट कार्यक्रम चला रखा था, जिसमें केवल दैनिक फंतासी खेल (Daily Fantasy Sports – DFS) और रमी जैसे चुनिंदा कौशल-आधारित खेलों को ही प्ले स्टोर पर सूचीबद्ध करने की अनुमति थी। विनज़ो ने आरोप लगाया था कि यह नीति भेदभावपूर्ण है और अन्य कौशल-आधारित खेलों के लिए बाजार तक पहुंच को प्रतिबंधित करती है।
Google के नए प्रस्ताव के तहत, सभी रियल-मनी गेम्स को प्ले स्टोर पर वितरित करने की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते डेवलपर्स यह प्रमाणित कर सकें कि उनके ऐप भारतीय कानूनों के तहत “कौशल का खेल” हैं, न कि जुआ। इस प्रमाणीकरण के लिए “एक आधिकारिक तीसरे पक्ष के निकाय” से प्रमाण की आवश्यकता होगी। अखिल भारतीय गेमिंग फेडरेशन (AIGF), ई-गेमिंग फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे उद्योग संघ इन प्रमाणन निकायों के रूप में कार्य कर सकते हैं।
प्रभाव और लाभ:
डेवलपर्स के लिए: यह नीतिगत बदलाव उन डेवलपर्स के लिए एक बड़ी राहत है जो वर्तमान में अपने ऐप्स को प्ले स्टोर के बाहर, अक्सर अपनी वेबसाइटों पर APK फ़ाइलों के माध्यम से वितरित कर रहे हैं। प्ले स्टोर पर व्यापक पहुंच से उन्हें उपयोगकर्ता आधार बढ़ाने और राजस्व अर्जित करने में मदद मिलेगी। यह भारतीय गेमिंग स्टार्टअप्स को नवाचार करने और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक समान अवसर प्रदान करेगा।
गूगल के लिए: Google के लिए भी यह एक रणनीतिक कदम है। भारत का रियल-मनी गेमिंग बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिसका वार्षिक राजस्व लगभग 3 बिलियन डॉलर है और यह देश के कुल ऑनलाइन गेमिंग राजस्व का 86% है। इस बड़े बाजार तक पहुंच से गूगल को महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त करने में मदद मिलेगी। कंपनी ने यह भी संकेत दिया है कि वह इन डेवलपर्स के लिए एक “उपयुक्त व्यवसाय मॉडल” को अंतिम रूप देगी, जिसमें सेवा शुल्क मॉडल शामिल हो सकता है।
उपयोगकर्ताओं के लिए: उपयोगकर्ताओं को प्ले स्टोर पर रियल-मनी गेम्स की एक विस्तृत श्रृंखला तक पहुंच प्राप्त होगी, जिससे उनके पास अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे। हालांकि, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और जिम्मेदार गेमिंग को प्राथमिकता दी जाए। गूगल ने स्पष्ट किया है कि ऐप्स को उपयोगकर्ता सुरक्षा और जिम्मेदार गेमिंग के बारे में जानकारी प्रदर्शित करनी होगी।
नियामक चुनौतियां और आगे का रास्ता:
यह प्रस्ताव विनज़ो की शिकायत के बाद CCI द्वारा शुरू की गई व्यापक जांच का हिस्सा है, जिसमें यह जांच की जा रही है कि क्या गूगल ने एंड्रॉइड और प्ले स्टोर के माध्यम से अपनी बाजार प्रभुत्व का दुरुपयोग किया है। CCI ने इस प्रस्ताव पर सार्वजनिक टिप्पणी आमंत्रित की है, जिसकी अंतिम तिथि 20 अगस्त 2025 है। यदि CCI इसे मंजूरी देता है, तो गूगल प्ले स्टोर में 120 दिनों के भीतर और संबंधित विज्ञापन नीतियों में 150 दिनों के भीतर बदलाव लागू करेगा।
हालांकि यह कदम भारतीय ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए सकारात्मक है, नियामक स्पष्टता और विभिन्न राज्यों में जुआ कानूनों के खंडित परिदृश्य को संबोधित करना अभी भी एक चुनौती है। भारत सरकार और उद्योग संघों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा कि यह विकास एक सुरक्षित और टिकाऊ गेमिंग पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा दे।
निष्कर्ष:
गूगल का यह प्रस्तावित नीतिगत बदलाव भारत में रियल-मनी गेमिंग के भविष्य को महत्वपूर्ण रूप से आकार दे सकता है। यह भारतीय डेवलपर्स को सशक्त बनाने, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और उपयोगकर्ता सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जबकि गूगल के लिए भी इस तेजी से बढ़ते बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है। आने वाले समय में CCI की मंजूरी और उद्योग की प्रतिक्रिया यह निर्धारित करेगी कि यह रोमांचक अध्याय कैसे आगे बढ़ता है।