बॉलीवुड और साउथ सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री Genelia D’Souza ने हाल ही में अपने ‘लड़कों’ जूनियर एनटीआर, राम चरण और अल्लू अर्जुन की शानदार सफलता पर खुशी और गर्व व्यक्त किया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, जहां वह अपनी आगामी तेलुगु फिल्म ‘जूनियर’ के बारे में बात कर रही थीं, उन्होंने तेलुगु फिल्म उद्योग में अपनी वापसी और इन सुपरस्टार्स के साथ अपने शुरुआती दिनों को याद किया।
Genelia D’Souza ने कहा कि जब उन्होंने हाल ही में एसएस राजामौली की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘आरआरआर’ देखी, तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि ये वही ‘लड़के’ हैं जिनके साथ उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, “जब मैंने ‘आरआरआर’ और अन्य फिल्में देखीं, तो मैं हैरान रह गई। ये वही लड़के हैं जिनके साथ मैंने ‘ऑरेंज’ और अन्य फिल्मों में काम किया था। मैं उन्हें दोस्तों के रूप में जानती हूं, क्योंकि हमने सभी ने अपने करियर की शुरुआत एक साथ की थी।”
Genelia D’Souza ने तीनों अभिनेताओं की उन खासियतों का भी जिक्र किया जिनकी वह हमेशा से प्रशंसा करती रही हैं। उन्होंने जूनियर एनटीआर के बारे में कहा, “मैंने हमेशा एनटीआर को बेहद प्रतिभाशाली माना है। उनके पास तीन-तीन पेज के संवाद होते थे, और वह बस उन्हें देखते थे और टेक के लिए तैयार हो जाते थे। मुझे आज भी आश्चर्य होता है कि वह यह कैसे करते थे।”
राम चरण के बारे में बात करते हुए, जेनेलिया ने कहा, “राम चरण में एक अद्भुत स्वभाव था; यह स्वाभाविक था।” वहीं, अल्लू अर्जुन की ऊर्जा की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, “अल्लू अर्जुन बहुत ऊर्जावान थे।”
जेनेलिया ने आगे कहा कि आज जब वह इन तीनों को सुपरस्टार के रूप में देखती हैं, जिनके बच्चे और परिवार हैं, तो उन्हें खुशी होती है कि वह उनके जीवन के उस हिस्से में शामिल थीं जब वे छोटे थे और सब एक साथ बड़े हो रहे थे।
यह बात काबिले गौर है कि Genelia D’Souza ने जूनियर एनटीआर के साथ ‘सांबा’ (2004) और ‘ना अल्लुडु’ (2005) जैसी फिल्मों में काम किया है। राम चरण के साथ उन्होंने ‘ऑरेंज’ (2010) में स्क्रीन साझा की थी, जबकि अल्लू अर्जुन के साथ उनकी फिल्म ‘हैप्पी’ (2006) भी सफल रही थी।
Genelia D’Souza ने अपने करियर में साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं अपने करियर के लिए साउथ की ऋणी हूं।” उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने अपने करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म ‘तुझे मेरी कसम’ (2003) से की, जो तेलुगु फिल्म ‘नुव्वे कावली’ (2000) की रीमेक थी। साउथ में ही उन्हें उनके जीवनसाथी रितेश देशमुख मिले। उन्होंने ‘बॉयज’ और ‘सत्यम’ (दोनों 2003) जैसी फिल्में भी कीं।
Genelia D’Souza ने बताया कि उस वक्त लोगों ने उन्हें ‘सत्यम’ जैसी फिल्में न करने की सलाह दी थी, क्योंकि वे चाहते थे कि वह सिर्फ ‘बॉयज’ जैसी फिल्में करें। लेकिन उनका इरादा हमेशा अपने काम के प्रति सच्चा रहने का था। उन्होंने कहा, “आप इरादे से जाते हैं। इसी तरह मैंने अपना काम चुना, और इसी तरह काम ने मुझे चुना।” उन्होंने यह भी बताया कि 6 साल बाद जब उन्होंने हिंदी फिल्म ‘जाने तू… या जाने ना’ में काम किया, तो लोगों को लगा कि वह एक नई कलाकार हैं, जबकि उन्होंने पहले ही साउथ में बहुत अच्छा काम कर लिया था।
Genelia D’Souza ने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि अब भारतीय सिनेमा क्षेत्रीय सिनेमा में विभाजित नहीं है, बल्कि यह एक “भारतीय सिनेमा” का हिस्सा है। उनका यह बयान निश्चित रूप से कई फिल्म प्रेमियों और फिल्म बिरादरी के लिए प्रेरणादायक है। जेनेलिया अब अपनी वापसी के साथ एक बार फिर दर्शकों का दिल जीतने के लिए तैयार हैं, और उन्हें अपने उन पुराने सह-कलाकारों की सफलता पर गर्व है जिनके साथ उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिन साझा किए थे।