विजय देवरकोंडा की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘Kingdom’ आखिरकार सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। गौतम तिन्ननुरी द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक स्पाई एक्शन थ्रिलर है, जिसमें विजय देवरकोंडा एक जासूस की भूमिका में हैं। फिल्म को लेकर दर्शकों और समीक्षकों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। आइए जानते हैं क्या है इस फिल्म में खास और कहां रह गई कमी।
क्या है अच्छा? (What’s Good?)
- विजय देवरकोंडा का दमदार परफॉर्मेंस: फिल्म का सबसे मजबूत पहलू विजय देवरकोंडा का अभिनय है। ‘द फैमिली स्टार’ जैसी सॉफ्ट फिल्म के बाद, विजय इस फिल्म में एक एक्शन अवतार में लौटे हैं और उन्होंने अपने किरदार में जान फूंक दी है। उनके एक्शन सीन, स्टाइल और भावनात्मक दृश्यों में उनका प्रदर्शन बेहद सराहनीय है। कई यूजर्स ने इसे उनके करियर की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस बताया है।
- गौतम तिन्ननुरी का निर्देशन: ‘जर्सी’ जैसी संवेदनशील फिल्म बना चुके निर्देशक गौतम तिन्ननुरी ने ‘Kingdom’ में जासूसी, भावनाएं और एक्शन का शानदार मिश्रण पेश किया है। फिल्म की कहानी को उन्होंने मजबूती से पेश किया है, खासकर पहले हाफ में।
- अनिरुद्ध रविचंदर का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर: फिल्म का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर (BGM) दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है। अनिरुद्ध ने फिल्म के दृश्यों को और भी प्रभावशाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर एक्शन और भावनात्मक दृश्यों में।
- सत्यदेव कंचरणा का अभिनय: सत्यदेव कंचरणा ने फिल्म में विजय के भाई की भूमिका निभाई है और उन्होंने अपने किरदार में काफी गहराई दिखाई है। उनका प्रदर्शन फिल्म की कहानी को और भी मजबूत बनाता है।
- एक्शन और सिनेमैटोग्राफी: फिल्म के एक्शन सीक्वेंस और सिनेमैटोग्राफी काफी प्रभावशाली हैं। कैमरा वर्क और वीएफएक्स का काम भी बढ़िया है, जिससे फिल्म को एक बड़े पैमाने पर बनाया गया महसूस होता है।
- भावनात्मक जुड़ाव: एक्शन-थ्रिलर होने के बावजूद, फिल्म में कुछ दिल छू लेने वाले भावनात्मक दृश्य हैं, जो विजय की अदाकारी को खुलकर दर्शकों के सामने लेकर आते हैं। भाईचारे और रिश्तों का पहलू दर्शकों को पसंद आ रहा है।
क्या है बुरा? (What’s Bad?)
- फिल्म की धीमी रफ्तार: कुछ दर्शकों और समीक्षकों का मानना है कि फिल्म की रफ्तार थोड़ी धीमी है, खासकर दूसरे हाफ में। पहले हाफ में जहां कहानी कसी हुई और रोमांचक लगती है, वहीं दूसरे हाफ में कुछ जगहों पर कहानी थोड़ी कमजोर या ‘ओवर-ड्रैमेटिक’ महसूस हो सकती है।
- क्लाइमैक्स: कुछ यूजर्स ने क्लाइमैक्स को और बेहतर होने की बात कही है। हालांकि, यह एक व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन यह एक ऐसा पहलू है जिस पर ध्यान दिया जा सकता था।
- कहानी में थोड़ी ढील: कुछ लोगों ने फिल्म की कहानी को लेकर थोड़ी शिकायत भी की है, उनका कहना है कि दूसरे हाफ में कहानी थोड़ी ढीली पड़ जाती है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, विजय देवरकोंडा की ‘Kingdom’ एक एक्शन, इमोशन और भाईचारे की जबरदस्त कहानी है। फिल्म में मसाला, म्यूजिक, और दमदार एक्टिंग सब कुछ है। हालांकि, दूसरे हाफ में थोड़ी सी ढील है, लेकिन विजय देवरकोंडा की पावर-पैक्ड परफॉर्मेंस और अनिरुद्ध के शानदार संगीत के सामने यह कमी फीकी पड़ जाती है। अगर आप विजय देवरकोंडा के फैन हैं या एक्शन और इमोशनल ड्रामा पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक पैसा वसूल मनोरंजन साबित हो सकती है।