आज सुबह रूस के सुदूर पूर्वी कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के शक्तिशाली earthquake ने एक बार फिर दुनिया को सुनामी के खतरे की याद दिला दी है। यह भूकंप इतना प्रचंड था कि इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक माना जा रहा है, और इसने प्रशांत महासागर के आसपास के कई देशों में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधि एक पल में भौगोलिक परिदृश्य और लाखों लोगों के जीवन को बदल सकती है।
प्रशांत महासागर का ‘रिंग ऑफ फायर’: सुनामी का केंद्र
यह समझना महत्वपूर्ण है कि प्रशांत महासागर का क्षेत्र, जिसे “रिंग ऑफ फायर” के नाम से जाना जाता है, दुनिया के लगभग 90% भूकंपों और 75% सक्रिय ज्वालामुखियों का घर है। यह एक घोड़े की नाल के आकार का 40,000 किलोमीटर लंबा क्षेत्र है जहाँ कई टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं और लगातार एक-दूसरे से टकराती रहती हैं। इस भूगर्भीय गतिविधि के कारण यहां अक्सर बड़े भूकंप आते हैं, जो सुनामी को जन्म दे सकते हैं।
कहां कितना है खतरा?
हाल के earthquake के बाद, कई देशों में सुनामी का खतरा मंडरा रहा है:
- रूस: भूकंप का केंद्र कामचटका प्रायद्वीप के पास होने के कारण, रूस के तटीय क्षेत्रों में सुनामी का सबसे अधिक खतरा है। शुरुआती रिपोर्टों में कुरिल द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में सुनामी लहरों के टकराने की बात कही गई है। प्रशासन ने लोगों को तटीय क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है।
- जापान: जापान, जो अपनी भूकंपीय संवेदनशीलता के लिए जाना जाता है, ने भी सुनामी की चेतावनी जारी की है। जापान की मौसम एजेंसी ने इशिनोमाकी बंदरगाह पर 50 सेंटीमीटर तक की लहरें दर्ज की हैं, और अन्य 16 स्थानों पर भी 40 सेंटीमीटर तक की लहरें देखी गई हैं। फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को भी खाली कराया गया है, 2011 में यहां आए भूकंप और सुनामी से हुए विनाशकारी रिसाव को देखते हुए यह एक एहतियाती कदम है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका (US): यूएस के अलास्का, हवाई और कैलिफोर्निया के तटीय क्षेत्रों में सुनामी का अलर्ट जारी किया गया है। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने हवाई, जापान, चिली और सोलोमन द्वीपों में सामान्य से 1 से 3 मीटर ऊंची लहरों की आशंका जताई है। हवाई के गवर्नर ने छह फीट ऊंची समुद्री लहरों के उठने की पुष्टि की है। अमेरिका के नौ राज्यों में, विशेषकर टेक्सास की 3 करोड़ आबादी सहित कुल 10 करोड़ आबादी पर सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। कुछ उड़ानों को भी रद्द किया गया है।
- कनाडा: कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, हालांकि अमेरिकी सुनामी चेतावनी केंद्र ने इन झटकों से किसी सुनामी का खतरा नहीं बताया है। कनाडा में प्रशांत और अटलांटिक तटों की तुलना में आर्कटिक तट और ग्रेट लेक्स के किनारों पर सुनामी का खतरा कम है, लेकिन फिर भी सतर्कता बरती जा रही है।
- अन्य देश: चिली, पेरू, इक्वाडोर, मैक्सिको और पनामा सहित कई मध्य और दक्षिण अमेरिकी देशों में भी सुनामी अलर्ट जारी किया गया है। फिलीपींस, चुउक, कोसरे और मार्शल द्वीप समूह में भी 0.3 से 1 मीटर (1 से 3.3 फीट) ऊंची सुनामी लहरों की आशंका है।
भारत पर क्या असर?
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) ने स्पष्ट किया है कि रूस में आए इस भूकंप से भारत और हिंद महासागर के लिए सुनामी का कोई खतरा नहीं है। यह जानकारी एक बड़ी राहत है, क्योंकि 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी ने भारत सहित 14 देशों में भारी तबाही मचाई थी, जिसमें 2.27 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
सुनामी चेतावनी प्रणाली का महत्व
इस तरह की घटनाओं में सुनामी चेतावनी प्रणालियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है। ये प्रणालियां समुद्री स्तर की जानकारी को मापने और सुनामी चेतावनी केंद्रों को रिपोर्ट करने के लिए DART (Deep-ocean Assessment and Reporting of Tsunamis) सिस्टम का उपयोग करती हैं। इससे सुनामी के स्रोत का अनुमान लगाने, निगरानी करने, चेतावनी जारी करने और निकासी के लिए पूर्वानुमान बनाने में मदद मिलती है। हालांकि, सुनामी से होने वाली तबाही का खतरा प्रारंभिक आगमन के बाद कई घंटों या दिनों तक जारी रह सकता है, इसलिए स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना बेहद आवश्यक है।
यह भूकंपीय घटना एक बार फिर प्रकृति की शक्ति और वैश्विक तैयारियों के महत्व को उजागर करती है। रिंग ऑफ फायर के आसपास के देशों को हमेशा सतर्क रहना होगा और अपनी सुनामी चेतावनी प्रणालियों को मजबूत बनाए रखना होगा ताकि भविष्य में संभावित आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।