बॉलीवुड में अक्सर एक या दो प्रमुख अभिनेत्रियों का बोलबाला देखा जाता है, लेकिन जब किसी फिल्म में Five Heroines की बात आती है, तो यह स्वाभाविक रूप से जिज्ञासा और चर्चा का विषय बन जाती है। हाल ही में अपनी आगामी मेगा-बजट फिल्म के सेट पर, निर्देशक निर्देशक का नाम डालें, उदाहरण के लिए: आकाश वर्मा ने न केवल अपनी फिल्म में पांच प्रमुख अभिनेत्रियों की मौजूदगी की पुष्टि की, बल्कि इस अपरंपरागत निर्णय के पीछे के अपने तर्क को भी बड़े ही आत्मविश्वास और स्पष्टता से पेश किया। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह हिंदी सिनेमा के लिए एक नया ट्रेंड बन सकता है
निर्देशक ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं जानता हूँ कि यह थोड़ा असामान्य लग सकता है, लेकिन मेरी कहानी की मांग ही ऐसी थी। यह कोई फैशन स्टेटमेंट या सिर्फ ग्लैमर बढ़ाने का प्रयास नहीं है। मेरी फिल्म में हर किरदार, विशेष रूप से ये पांच महिला किरदार, कहानी के ताने-बाने के लिए बिल्कुल आवश्यक हैं। वे सिर्फ ‘गाने और नाचने’ के लिए नहीं हैं, बल्कि उनके पास मजबूत और प्रभावशाली आर्क हैं जो फिल्म की रीढ़ हैं।”
उन्होंने आगे विस्तार से बताया, “मेरी फिल्म एक ऐसी कहानी है जो विभिन्न दृष्टिकोणों और अनुभवों को दर्शाती है। ये Five Heroines पांच अलग-अलग सामाजिक पृष्ठभूमि, पांच अलग-अलग जीवन शैलियों और पांच अलग-अलग भावनात्मक यात्राओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके बिना, कहानी अधूरी लगती। एक अकेली नायिका उन सभी बारीकियों को व्यक्त नहीं कर सकती थी जो मैं पर्दे पर लाना चाहता था।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या इतनी सारी अभिनेत्रियों को एक साथ संभालना एक चुनौती नहीं थी, तो निर्देशक का नाम ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “निश्चित रूप से, यह एक चुनौती थी, लेकिन एक रचनात्मक और सुखद चुनौती। प्रत्येक अभिनेत्री अपने साथ एक अनूठी ऊर्जा और प्रतिभा लेकर आती है। मेरा काम उन सभी को एक साथ लाना और यह सुनिश्चित करना था कि वे एक-दूसरे के पूरक हों, न कि प्रतिस्पर्धी। हमने वर्कशॉप में काफी समय बिताया, जिससे उन्हें एक-दूसरे के साथ सहज होने और अपने किरदारों की गहराई को समझने में मदद मिली।”
यह पूछे जाने पर कि क्या यह निर्णय बॉक्स ऑफिस पर भारी पड़ेगा, निर्देशक ने विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “आज का दर्शक बुद्धिमान है। वे सिर्फ चेहरे देखने नहीं आते, वे अच्छी कहानी और सशक्त अभिनय चाहते हैं। अगर कहानी में दम है और किरदार दर्शकों से जुड़ते हैं, तो अभिनेत्रियों की संख्या कोई मायने नहीं रखती। बल्कि, मुझे लगता है कि यह विविधता दर्शकों को और अधिक आकर्षित करेगी। यह एक ही फिल्म में कई तरह के स्वाद चखने जैसा है।”
फिल्म के निर्माता निर्माता का नाम डालें, यदि उपलब्ध हो ने भी निर्देशक के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “जब निर्देशक ने मुझे यह अवधारणा सुनाई, तो मैं तुरंत समझ गया कि यह कितनी बड़ी क्षमता रखती है। यह सिर्फ एक फिल्म नहीं है, यह एक अनुभव है। हमने गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया है, और हर विभाग में बेहतरीन प्रतिभाओं को एक साथ लाया गया है।”
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या निर्देशक का नाम का यह अपरंपरागत दृष्टिकोण हिंदी सिनेमा में एक नए युग की शुरुआत करता है। जहां दर्शक हमेशा कुछ नया और अनोखा चाहते हैं, वहीं इतनी सारी प्रमुख महिला किरदारों के साथ एक फिल्म निश्चित रूप से ध्यान आकर्षित करेगी। क्या यह फिल्म वाकई में ‘Five Heroines’ के मिथक को तोड़कर एक सफल प्रयोग साबित होगी, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि इस बोल्ड निर्णय ने बॉलीवुड में एक नई बहस छेड़ दी है।