साल 2018 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘Dhadak’ ने बॉलीवुड में एक नए अध्याय की शुरुआत की। यह सिर्फ जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर के डेब्यू की फिल्म नहीं थी, बल्कि एक ऐसी प्रेम कहानी थी जो सामाजिक रूढ़ियों और जातिवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे को छूती थी। करण जौहर, धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले, हमेशा से कुछ लीक से हटकर सिनेमा बनाने के लिए जाने जाते हैं, और ‘Dhadak’ इसका एक बड़ा उदाहरण है। यह फिल्म मराठी ब्लॉकबस्टर ‘सैराट’ का हिंदी रीमेक थी, लेकिन इसने अपने तरीके से एक अलग पहचान बनाई।
‘धड़क’ का समय से आगे होना
‘Dhadak’ सिर्फ एक रूमानी कहानी बनकर नहीं रह गई। यह प्रेम कहानी के पर्दे के पीछे छिपी सामाजिक विषमताओं और ‘ऑनर किलिंग’ जैसे भयावह सच को सामने लाई। फिल्म ने यह सवाल उठाया कि क्या प्यार वास्तव में जाति और सामाजिक दर्जे से ऊपर उठ सकता है? जिस सहजता और संवेदनशीलता के साथ फिल्म ने इन मुद्दों को उठाया, वह अपने समय से काफी आगे की बात थी। आज भी समाज में प्रेम विवाह को लेकर कई धारणाएं और विरोध देखने को मिलते हैं, ऐसे में ‘Dhadak’ ने एक ज़रूरी बातचीत की शुरुआत की। फिल्म का अंत विशेष रूप से चौंकाने वाला और दिल दहला देने वाला था, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है। इसने बताया कि प्यार में पड़ने वाले जोड़ों को कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और कैसे समाज उन्हें स्वीकार नहीं कर पाता।
करण जौहर का दूरदर्शी चयन: जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर
‘धड़क’ के साथ करण जौहर ने एक बार फिर अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया। उन्होंने जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर जैसे नए चेहरों पर दांव लगाया। यह एक जोखिम भरा कदम था, लेकिन करण जौहर को उनकी प्रतिभा पर पूरा भरोसा था।
- जाह्नवी कपूर: श्रीदेवी की बेटी होने के नाते जाह्नवी पर पहले से ही एक बड़ा दबाव था। ‘धड़क’ उनकी पहली फिल्म थी, और उन्होंने इसमें पार्थवी के किरदार को बखूबी निभाया। उनकी मासूमियत, सहजता और भावनात्मक दृश्यों में उनकी पकड़ ने दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने साबित किया कि वह सिर्फ एक स्टार किड नहीं, बल्कि एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं। उनकी आंखों में दिखने वाला भोलापन और किरदार की गहराई को समझना, यह उनके अभिनय की परिपक्वता को दर्शाता है।
- ईशान खट्टर: ईशान खट्टर ने ‘Dhadak’ से पहले माजिद मजीदी की ‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ में अपने अभिनय का लोहा मनवाया था। ‘धड़क’ में उन्होंने मधुकर के किरदार को जीवंत कर दिया। एक उत्साही, प्यार में डूबे लड़के की भूमिका में वह पूरी तरह फिट बैठे। जाह्नवी के साथ उनकी केमिस्ट्री लाजवाब थी, और दोनों की जोड़ी ऑन-स्क्रीन बेहद पसंद की गई। ईशान ने अपनी ऊर्जा और दमदार परफॉर्मेंस से दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।
करण जौहर ने इन दोनों युवा कलाकारों को एक ऐसा मंच दिया जहां वे अपनी प्रतिभा दिखा सकें। उन्होंने केवल उनकी लॉन्चिंग ही नहीं की, बल्कि एक ऐसी कहानी चुनी जो उनके अभिनय को निखार सके और उन्हें एक पहचान दिला सके। ‘Dhadak’ के बाद जाह्नवी और ईशान, दोनों ने ही अपने करियर में आगे बढ़कर कई अलग-अलग तरह के किरदार निभाए हैं, लेकिन ‘Dhadak’ हमेशा उनके शुरुआती दिनों की एक महत्वपूर्ण कड़ी रहेगी।
निष्कर्ष
‘Dhadak’ सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, यह समाज के एक कड़वे सच को उजागर करने का एक प्रयास था। करण जौहर ने इस फिल्म के साथ न सिर्फ नए चेहरों को लॉन्च किया, बल्कि एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश भी दिया। यह फिल्म इस बात का प्रमाण है कि सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज को आइना दिखाने और उसे बदलने का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। ‘Dhadak’ को आज भी इसकी कहानी, संगीत और जाह्नवी-ईशान की केमिस्ट्री के लिए याद किया जाता है, जो यह साबित करता है कि यह फिल्म अपने समय से वाकई आगे थी।