राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET UG) भारत के सबसे बड़े स्नातक प्रवेश परीक्षाओं में से एक बन गया है। हर साल लाखों छात्र देश भर के विभिन्न केंद्रीय, राज्य, डीम्ड और निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए इस परीक्षा में शामिल होते हैं। CUET UG 2025 के परिणाम जल्द ही घोषित होने की उम्मीद है, और इसके साथ ही यह जानकारी भी सामने आएगी कि किस राज्य से कितने उम्मीदवारों ने आवेदन किया था।
सबसे अधिक आवेदक वाला राज्य: उत्तर प्रदेश
पिछले वर्षों के रुझानों और उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश लगातार CUET UG में सबसे अधिक आवेदकों वाला राज्य बना हुआ है। 2024 के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश से लगभग 3,47,736 छात्रों ने CUET UG के लिए पंजीकरण किया था, जिनमें से 2,96,858 छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे। यह संख्या दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रों में कितना अधिक उत्साह और प्रतिस्पर्धा है। राज्य की बड़ी आबादी और शिक्षा के प्रति जागरूकता इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
उत्तर प्रदेश के बाद, दिल्ली दूसरे स्थान पर आता है। 2024 में दिल्ली से 1,56,412 छात्रों ने पंजीकरण किया और 1,37,145 छात्र परीक्षा में उपस्थित हुए। इसके बाद बिहार (लगभग 99,835 पंजीकृत आवेदक), झारखंड (लगभग 90,568 पंजीकृत आवेदक), और राजस्थान (लगभग 82,181 पंजीकृत आवेदक) जैसे राज्य आते हैं, जहां से भी बड़ी संख्या में छात्र CUET UG में भाग लेते हैं।
सबसे कम आवेदक वाला राज्य/केंद्र शासित प्रदेश: लक्षद्वीप
जहां एक ओर कुछ राज्य बड़ी संख्या में आवेदकों को आकर्षित करते हैं, वहीं कुछ ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी हैं, जहां आवेदकों की संख्या काफी कम है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, लक्षद्वीप में CUET UG के लिए सबसे कम आवेदक देखे गए। 2024 में, लक्षद्वीप से केवल 16 छात्रों ने पंजीकरण किया था, जिनमें से केवल 8 ही परीक्षा में शामिल हुए।
लक्षद्वीप के बाद, दमन और दीव में भी आवेदकों की संख्या काफी कम रही, जहां 2024 में केवल 100 पंजीकृत आवेदक थे और 79 ही परीक्षा में शामिल हुए थे। गोवा (376 पंजीकृत आवेदक) और सिक्किम (1293 पंजीकृत आवेदक) जैसे राज्य भी कम आवेदकों की श्रेणी में आते हैं।
निष्कर्ष
CUET UG परीक्षा देश भर के छात्रों को विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने का एक समान अवसर प्रदान करती है। आवेदकों की संख्या में यह क्षेत्रीय भिन्नता शिक्षा के बुनियादी ढांचे, जागरूकता और उच्च शिक्षा के अवसरों की उपलब्धता को दर्शाती है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से भारी संख्या में छात्रों का आवेदन करना यह बताता है कि वहां के युवा उच्च शिक्षा के प्रति अत्यधिक इच्छुक हैं और दिल्ली जैसे बड़े शहरों के विश्वविद्यालय उनके लिए पहली पसंद होते हैं। वहीं, छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम भागीदारी कई कारकों का परिणाम हो सकती है, जिनमें सीमित पहुंच और जागरूकता शामिल हैं। NTA द्वारा इन आंकड़ों को जारी करने से शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं को भविष्य की रणनीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी।