Bangladesh नौसेना और तटरक्षक बल ने अपनी समुद्री सीमा का कथित रूप से उल्लंघन करने और अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में 34 भारतीय मछुआरों को हिरासत में ले लिया है। इन मछुआरों के साथ उनकी दो मछली पकड़ने वाली नौकाओं को भी जब्त कर लिया गया है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और Bangladesh के बीच मछुआरों की अनजाने में सीमा पार करने की समस्या एक संवेदनशील मुद्दा बनी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार, ये मछुआरे पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप क्षेत्र के रहने वाले हैं और लगभग एक सप्ताह पहले हिलसा मछली पकड़ने के लिए समुद्र में गए थे। बताया जा रहा है कि खराब मौसम की स्थिति के कारण वे अनजाने में बांग्लादेशी जलक्षेत्र में प्रवेश कर गए। उन्हें मोंगला बंदरगाह से लगभग 77 नॉटिकल मील दूर समुद्र में हिरासत में लिया गया। गिरफ्तारी के बाद, मछुआरों और उनकी नौकाओं को बांग्लादेश के मोंगला बंदरगाह ले जाया गया और बाद में स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया।
इस घटना की जानकारी मिलते ही, ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने तुरंत Bangladesh सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाया है। भारतीय उच्चायोग ने हिरासत में लिए गए मछुआरों तक कांसुलर पहुंच की मांग की है और उनकी तथा उनकी नौकाओं की शीघ्र और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक माध्यमों से लगातार प्रयास कर रहा है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस मामले पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है और बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ बातचीत जारी है।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब भारतीय मछुआरों को बांग्लादेशी जलक्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में हिरासत में लिया गया हो। अक्सर, मछुआरे अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) से अनभिज्ञता या खराब मौसम के कारण भटक जाते हैं, जिससे उन्हें पड़ोसी देश की सीमा में प्रवेश करना पड़ता है। इसी तरह, बांग्लादेशी मछुआरों को भी भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में भारतीय अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया जाता रहा है।
दोनों देशों ने पूर्व में भी ऐसे मामलों को मानवीय दृष्टिकोण से सुलझाने की दिशा में काम किया है। हाल के महीनों में, भारत और Bangladesh ने एक समझौते के तहत अपने-अपने यहां हिरासत में लिए गए मछुआरों की रिहाई और वापसी की व्यवस्था की है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी राजनयिक प्रयासों के माध्यम से इन मछुआरों की जल्द वापसी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि उनके परिवार चिंतित न हों और उनकी आजीविका पर असर न पड़े।
मछुआरों के संगठनों ने भी भारत सरकार से जल्द से जल्द इन मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि दोनों देशों के मछुआरे अक्सर एक ही क्षेत्र में मछली पकड़ते हैं और समुद्री सीमा का स्पष्ट निर्धारण न होने के कारण ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। यह घटना दोनों देशों के बीच समुद्री सीमा प्रबंधन और मछुआरों के कल्याण के लिए बेहतर समन्वय और संवाद की आवश्यकता को फिर से उजागर करती है।