हाल ही में एक 35 वर्षीय इंजीनियर की heart attack पड़ने से मृत्यु हो गई। यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने 30 के दशक में हैं। आमतौर पर, हम सोचते हैं कि दिल से जुड़ी समस्याएं केवल बुजुर्गों को होती हैं, लेकिन आजकल की जीवनशैली, तनाव और अनियमित खानपान के कारण युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस लेख में, हम उन शुरुआती और सूक्ष्म संकेतों पर चर्चा करेंगे जिन्हें हर किसी को जानना चाहिए।
heart attack पड़ने के कारण और युवा आबादी पर इसका प्रभाव
युवाओं में heart attack के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- उच्च तनाव (High Stress): काम का दबाव, वित्तीय चिंताएं और व्यक्तिगत संबंधों में तनाव युवाओं में कोर्टिसोल (stress hormone) का स्तर बढ़ा देता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- अनियमित खानपान (Poor Diet): जंक फूड, अत्यधिक तैलीय और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जिससे धमनियाँ (arteries) सिकुड़ जाती हैं।
- शारीरिक निष्क्रियता (Lack of Physical Activity): घंटों तक डेस्क पर बैठकर काम करना और व्यायाम की कमी से मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याएं होती हैं, जो दिल के रोगों का मुख्य कारण हैं।
- धूम्रपान और शराब (Smoking and Alcohol): धूम्रपान रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और रक्तचाप बढ़ाता है, जबकि अत्यधिक शराब का सेवन दिल की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है।
- पारिवारिक इतिहास (Family History): यदि परिवार में किसी को कम उम्र में दिल की बीमारी हुई है, तो जोखिम बढ़ जाता है।
दिल के दौरे के सूक्ष्म शुरुआती संकेत जो आपको पता होने चाहिए
heart attack हमेशा अचानक और गंभीर दर्द के साथ नहीं आता। कई बार इसके संकेत बहुत सूक्ष्म होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
- सीने में असुविधा (Chest Discomfort): यह जरूरी नहीं कि सीने में तेज दर्द हो। यह एक दबाव, भारीपन, जलन या जकड़न की भावना हो सकती है। कुछ लोग इसे गैस या एसिडिटी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
- शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द (Pain in Upper Body): दर्द या असुविधा सिर्फ सीने तक सीमित नहीं रहती। यह बांहों (विशेषकर बाईं बांह), गर्दन, पीठ, जबड़े या पेट तक फैल सकती है।
- सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breath): बिना किसी मेहनत के भी सांस फूलना या सांस लेने में कठिनाई महसूस होना एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह अक्सर सीने में असुविधा के साथ होता है, लेकिन कभी-कभी अकेले भी हो सकता है।
- ठंडा पसीना आना और चक्कर आना (Cold Sweat and Dizziness): अचानक ठंडा पसीना आना, बेहोशी या चक्कर महसूस होना दिल के दौरे का एक और संकेत है।
- थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness): यदि आप बिना किसी कारण के अत्यधिक थका हुआ और कमजोर महसूस कर रहे हैं, तो इसे गंभीरता से लें। यह अक्सर महिलाओं में दिल के दौरे का एक प्रमुख लक्षण होता है।
- मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting): मतली, पेट में दर्द या उल्टी का अनुभव होना भी दिल के दौरे का लक्षण हो सकता है, खासकर महिलाओं में।
बचाव के लिए क्या करें?
- नियमित स्वास्थ्य जांच (Regular Health Check-ups): 30 के बाद हर साल रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा (blood sugar) की जांच कराएं।
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं (Adopt a Healthy Lifestyle): संतुलित आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल हों। जंक फूड से बचें।
- नियमित व्यायाम (Regular Exercise): रोजाना कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें, जैसे तेज चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना या योग।
- तनाव प्रबंधन (Stress Management): योग, ध्यान, गहरी सांस लेने के व्यायाम और शौक अपनाकर तनाव को कम करें।
- धूम्रपान और शराब छोड़ें (Quit Smoking and Alcohol): ये दोनों दिल के लिए बेहद हानिकारक हैं।
- लक्षणों को पहचानें (Recognize the Symptoms): यदि आपको या आपके किसी जानने वाले को ऊपर बताए गए लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
यह जरूरी है कि हम अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें। 35 वर्षीय इंजीनियर की दुखद मौत एक वेक-अप कॉल है। अपनी और अपने प्रियजनों की सेहत को प्राथमिकता दें। याद रखें, रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर है।