जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका के मद्देनजर आज गुरुवार को जम्मू से पवित्र श्री Amarnath Yatra को स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है, क्योंकि यात्रा मार्गों पर लगातार हो रही बारिश से खतरा बढ़ गया है। अधिकारियों ने बताया कि पहलगाम और बालटाल दोनों आधार शिविरों से भी यात्रियों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई है।
पिछले 36 घंटों से कश्मीर घाटी में लगातार भारी बारिश जारी है, जिसके चलते कई स्थानों पर भूस्खलन और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में और अधिक बारिश होने की चेतावनी जारी की है, जिसने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता:
जम्मू और कश्मीर सूचना विभाग ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि खराब मौसम के कारण तीर्थयात्रा के रास्तों पर नुकसान हुआ है, और तत्काल मरम्मत एवं रखरखाव कार्य की आवश्यकता है। संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने भी यात्रा स्थगित होने की पुष्टि करते हुए कहा कि मौसम की स्थिति में सुधार होने पर शुक्रवार, 18 जुलाई से यात्रा फिर से शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक मौसम अनुकूल नहीं होता, तब तक दोनों आधार शिविरों से पवित्र गुफा की ओर किसी भी प्रकार की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह इस वर्ष Amarnath Yatra के दौरान पहली बार है जब जम्मू से यात्रा को रोका गया है। प्रशासन ने अब तक 15 जत्थों को सफलतापूर्वक रवाना किया है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एहतियाती कदम उठाना अनिवार्य हो गया था।
भूस्खलन और बचाव कार्य:
जानकारी के अनुसार, बालटाल के रेलपथरी इलाके में हुए भूस्खलन में एक महिला श्रद्धालु की दुखद मृत्यु हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। राहत टीमों ने कई अन्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित बचा लिया। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां राजस्थान निवासी 55 वर्षीय सोना बाई को मृत घोषित किया गया। यह घटना तब हुई जब यात्री पवित्र अमरनाथ गुफा की ओर बढ़ रहे थे। प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और हर संभव सहायता पहुंचा रहा है। इस वर्ष यात्रा के दौरान हुई घटनाओं में अब तक 15 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है।
यात्रा का विवरण:
38 दिनों तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 को शुरू हुई थी और 9 अगस्त 2025 को श्रावण पूर्णिमा के दिन समाप्त होगी। अब तक 2.47 लाख से अधिक तीर्थयात्री 3,880 मीटर ऊंची पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। इस वर्ष 4 लाख से अधिक भक्तों ने यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है।
बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने दोनों मार्गों पर बहाली कार्य के लिए अपने जवानों और मशीनरी की भारी तैनाती कर दी है ताकि मौसम ठीक होते ही यात्रा को जल्द से जल्द फिर से शुरू किया जा सके। यात्रियों से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें और मौसम की स्थिति में सुधार होने तक धैर्य बनाए रखें। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।