Wednesday, July 30, 2025
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Aamir Khan को ‘सितारे ज़मीन पर’ के लिए मिला वितरकों का सम्मान, ‘यादों की बारात’ जैसा रहा जादू

बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ Aamir Khan ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह बॉक्स ऑफिस पर अपनी पकड़ बनाए रखने के साथ-साथ सिनेमाघरों के लिए भी एक मजबूत स्तंभ हैं। हाल ही में रिलीज़ हुई उनकी फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर‘ को वितरकों द्वारा खूब सराहा जा रहा है, ठीक वैसे ही जैसे दशकों पहले उनकी पहली बाल कलाकार के रूप में फिल्म ‘यादों की बारात’ को मिली थी। यह सम्मान न केवल फिल्म की सफलता को दर्शाता है, बल्कि Aamir Khan के सिनेमा के प्रति अटूट विश्वास और उनके दूरदर्शी निर्णयों का भी प्रमाण है।

‘सितारे ज़मीन पर’: एक सिनेमाई उत्सव

आर.एस. प्रसन्ना द्वारा निर्देशित और Aamir Khan और जेनेलिया देशमुख अभिनीत ‘सितारे ज़मीन पर’ को दर्शकों और समीक्षकों दोनों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। यह फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ की आध्यात्मिक अगली कड़ी के रूप में देखी जा रही है, जो भावनात्मक कहानी कहने और सामाजिक मुद्दों को संवेदनशीलता से उठाने के Aamir Khan के ट्रेडमार्क को आगे बढ़ाती है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया है, अपनी रिलीज़ के तीन हफ्तों में ₹154.35 करोड़ से अधिक की कमाई कर चुकी है, और यह Aamir Khan के करियर की पांचवीं सबसे बड़ी हिट बन गई है।

लेकिन इस फिल्म की सफलता सिर्फ कमाई के आंकड़ों तक सीमित नहीं है। मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (MAI) ने Aamir Khan के ‘सितारे ज़मीन पर’ को विशेष रूप से सिनेमाघरों में रिलीज़ करने के फैसले की जमकर सराहना की है। ऐसे समय में जब ओटीटी प्लेटफॉर्म मनोरंजन का एक बड़ा हिस्सा बन गए हैं, आमिर का यह कदम सिनेमाघरों में फिल्म देखने के अनुभव की enduring power को फिर से स्थापित करता है। MAI के अध्यक्ष कमल ज्ञानचंदानी ने आमिर खान के इस निर्णय को “सिनेमाघरों में विश्वास का एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन” बताया है, और कहा है कि Aamir Khan हमेशा उन फिल्म निर्माताओं में से रहे हैं जो दर्शकों को अपनी व्यवसायिक ज़रूरतों से ऊपर रखते हैं।

‘यादों की बारात’ से ‘सितारे ज़मीन पर’ तक: एक शानदार सफर

यह दिलचस्प है कि Aamir Khan को उनके करियर की शुरुआत में भी इसी तरह का सम्मान मिला था। 1973 में आई फिल्म ‘यादों की बारात’ में Aamir Khan ने एक बाल कलाकार के रूप में अभिनय किया था, जो उनके चाचा नासिर हुसैन द्वारा निर्देशित थी। यह फिल्म उस समय की पहली ‘मसाला’ फिल्मों में से एक मानी जाती है और इसने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की थी। उस दौर में भी वितरकों और सिनेमाघरों के मालिकों ने इस फिल्म को और इसके निर्माण से जुड़े लोगों को खूब सराहा था।

‘यादों की बारात’ ने हिंदी सिनेमा में एक नए युग की शुरुआत की थी, और अब ‘सितारे ज़मीन पर’ सिनेमाघरों के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। दोनों ही फिल्मों में आमिर खान का जुड़ाव यह दर्शाता है कि वह हमेशा से ही सिनेमा के प्रति एक गहरा प्रेम और समझ रखते हैं। चाहे वह बाल कलाकार के रूप में हों या एक परिपक्व अभिनेता और निर्माता के रूप में, Aamir Khan ने हमेशा ऐसी कहानियों को प्राथमिकता दी है जो दर्शकों के दिलों को छूती हैं और उन्हें बड़े पर्दे पर एक साथ अनुभव करने के लिए प्रेरित करती हैं।

भविष्य की राह

‘सितारे ज़मीन पर’ की सफलता के बाद, Aamir Khan ने एक बार फिर खुद को भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक साबित कर दिया है। यह फिल्म केवल उनकी वापसी नहीं है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि सिनेमाघरों का जादू अभी भी बरकरार है। वितरकों और सिनेमाघरों के मालिकों द्वारा मिला यह सम्मान न केवल Aamir Khan के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे फिल्म उद्योग के लिए एक सकारात्मक संदेश भी है, जो उन्हें सिनेमाई अनुभव को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करता है। Aamir Khan के इस कदम से उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी बड़े फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों को विशेष रूप से सिनेमाघरों में रिलीज करने का विचार करेंगे, जिससे बड़े पर्दे की रौनक फिर से बढ़ सकेगी।

हलीमा खलीफा
हलीमा खलीफाhttps://www.khalifapost.com/
हलीमा खलीफा एक प्रतिभाशाली लेखिका हैं जो पहचान, संस्कृति और मानवीय संबंधों जैसे विषयों पर लिखती हैं। उनके आगामी कार्यों के अपडेट के लिए Khalifapost.com पर बने रहें।
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