लद्दाख के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता Sonam Wangchuk की गिरफ्तारी और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत में लिए जाने के विरोध में लद्दाख के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कार्यकर्ताओं ने वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए सवाल उठाया है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच Cricket खेलना सामान्य है, तो पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र (UN) सम्मेलन में भाग लेने को राजनीतिक मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है।
लेह में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद वांगचुक को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। सरकार ने वांगचुक पर अपने भड़काऊ भाषणों से हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।
कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के सज्जाद कारगिली सहित लद्दाख के विभिन्न कार्यकर्ताओं ने राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और वांगचुक की गिरफ्तारी की निंदा की। कारगिली ने सवाल किया, “Sonam Wangchuk ने जलवायु परिवर्तन पर एक संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भाग लिया था। अगर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलना अपराध नहीं है, तो इसे राजनीतिक रंग क्यों दिया जा रहा है?”
यह प्रतिक्रिया लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (DGP) के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने वांगचुक के “संदिग्ध” पाकिस्तान दौरों का उल्लेख किया था। वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. आंगमो ने भी इस आरोप को खारिज करते हुए कहा था कि वह संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आयोजित एक जलवायु सम्मेलन में भाग लेने गए थे, जहां जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर मिलकर काम करना ज़रूरी होता है।
हिंसा की न्यायिक जांच और मुख्य मांगें
कार्यकर्ताओं ने 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा की न्यायिक जांच की भी मांग की है। उन्होंने दोहराया कि उनका आंदोलन लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की पुरानी मांगों पर आधारित है। इसके साथ ही, वे स्थानीय युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण और लेह तथा कारगिल के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग कर रहे हैं।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार क्षेत्र की वास्तविक समस्याओं, जैसे कि पहचान, संस्कृति की सुरक्षा और बेरोज़गारी को संबोधित करने के बजाय, आंदोलन को बदनाम करने और वांगचुक को “बलि का बकरा” बनाने की रणनीति अपना रही है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वांगचुक को जेल में डालने से लद्दाख के लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को दबाया नहीं जा सकता।
फिलहाल, Sonam Wangchuk को NSA के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया है। लद्दाख के लोग और कार्यकर्ता उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग पर अड़े हुए हैं, और उनका कहना है कि शांतिपूर्ण विरोध को दबाना लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।