बॉलीवुड अभिनेत्री Aishwarya Rai ने अपनी पहचान के ऑनलाइन दुरुपयोग को रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह कानूनी कार्रवाई उनके व्यक्तित्व अधिकारों (personality rights) की रक्षा के लिए की गई है, जिसमें उनके नाम, छवि, आवाज और समानता का अनधिकृत उपयोग शामिल है। यह कदम एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति के मद्देनजर उठाया गया है, जहां उनकी छवियों, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक तकनीक के माध्यम से हेरफेर की गई तस्वीरें भी शामिल हैं, का व्यावसायिक लाभ और, इससे भी अधिक गंभीर रूप से, यौन-स्पष्ट सामग्री बनाने के लिए उपयोग किया जा रहा है।
उनके कानूनी वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने अदालत में एक मजबूत मामला पेश किया, जिसमें दुरुपयोग के कई चौंकाने वाले उदाहरणों पर प्रकाश डाला गया। याचिका में उन वेबसाइटों और व्यक्तियों को निशाना बनाया गया है जो न केवल उनके नाम और समानता का उपयोग मग और टी-शर्ट जैसे सामान बेचने के लिए कर रहे हैं, बल्कि स्पष्ट छवियों पर उनके चेहरे को सुपरइम्पोज करके “पूरी तरह से अवास्तविक अंतरंग तस्वीरें” भी बना रहे हैं। सेठी ने अदालत में कहा, “उनके नाम और समानता का उपयोग किसी की यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए किया जा रहा है,” और इस स्थिति को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।

व्यापक संदर्भ: व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा
यह मामला भारतीय हस्तियों के बीच डिजिटल युग में अपने व्यक्तित्व अधिकारों को मुखर करने के लिए बढ़ते आंदोलन का हिस्सा है। व्यक्तित्व अधिकार, जिन्हें प्रचार अधिकार (publicity rights) भी कहा जाता है, व्यक्तियों को अपनी पहचान के व्यावसायिक उपयोग को नियंत्रित करने और उससे लाभ उठाने का विशेष अधिकार देते हैं। हालांकि भारत में इस मामले पर कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन अदालतों ने संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्ति के गरिमा और निजता के मौलिक अधिकार के एक आंतरिक हिस्से के रूप में इन अधिकारों को तेजी से मान्यता दी है। अमिताभ बच्चन, अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ जैसी अन्य प्रमुख हस्तियों ने भी पहले अपने व्यक्तित्व के अनधिकृत व्यावसायिक उपयोग को रोकने के लिए इसी तरह के कानूनी कदम उठाए हैं।
ऐश्वर्या नेशन वेल्थयह मुकदमा धोखाधड़ी वाले व्यवसायों सहित दुरुपयोग के कई अन्य रूपों को भी संबोधित करता है। उदाहरण के लिए, याचिका में ‘ऐश्वर्या नेशन वेल्थ‘ नामक एक कंपनी का उल्लेख है जिसने कथित तौर पर अपने लेटरहेड पर उनकी तस्वीर का इस्तेमाल किया और पैसे मांगने के लिए झूठा दावा किया कि वह उसकी अध्यक्ष थीं। यह मामला इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे AI और डीपफेक तकनीक ने पहचान की चोरी और डिजिटल प्रतिरूपण की समस्या में एक नया, अधिक भयावह आयाम जोड़ा है, जिससे यह न केवल मशहूर हस्तियों के लिए, बल्कि हर किसी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।
अदालत ने दुरुपयोग को रोकने के लिए अंतरिम निषेधाज्ञा (injunctions) जारी करने का संकेत दिया है, हालांकि मांगी गई राहत की व्यापक प्रकृति के लिए प्रत्येक प्रतिवादी के खिलाफ अलग-अलग आदेशों की आवश्यकता हो सकती है। यह मामला AI-जनित सामग्री के अनैतिक और हानिकारक उपयोग और दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों के लिए सार्वजनिक हस्तियों की पहचान के शोषण के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मिसाल के रूप में कार्य करता है।