Punjab में पिछले कई दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ ने पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले लिया है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण Punjab सरकार ने राज्य के सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है। इस तबाही ने अब तक 30 से अधिक लोगों की जान ले ली है और लगभग 3.5 लाख लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित किया है। बाढ़ के पानी ने लाखों हेक्टेयर कृषि भूमि पर खड़ी फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है, जिससे राज्य की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है।
बाढ़ का भयावह विस्तार
शुरुआत में, Punjab के 12 जिले बाढ़ की चपेट में आए थे, लेकिन भारी बारिश और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों से नदियों में लगातार बढ़ते पानी के कारण यह प्रकोप अब पूरे राज्य में फैल गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1,400 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में गुरदासपुर, अमृतसर, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर, तरनतारन और फाजिल्का शामिल हैं। अकेले गुरदासपुर में 324, अमृतसर में 135 और होशियारपुर में 119 गांव पानी में डूबे हुए हैं।
फसलों की बर्बादी: किसानों की टूटी कमर
इस बाढ़ से राज्य की कृषि पर सबसे गंभीर प्रभाव पड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 1.48 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। धान की फसल, जो इस मौसम की सबसे महत्वपूर्ण फसल है, को भारी क्षति पहुंची है। इसके अलावा कपास और गन्ने की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है, जिससे उनकी आजीविका पर गहरा संकट आ गया है। इस नुकसान से न केवल राज्य बल्कि देश की अनाज आपूर्ति पर भी असर पड़ने की आशंका है।
राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों को तेज कर दिया है। अब तक लगभग 20,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। लोगों को आश्रय देने के लिए 174 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 74 सक्रिय हैं और इन शिविरों में 4,700 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। फिरोजपुर में सबसे अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। एनडीआरएफ, सेना और पुलिस की टीमें दिन-रात बचाव अभियान में जुटी हुई हैं, नावों और हेलीकॉप्टरों का उपयोग कर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है।
सरकार की अपील और आगे की चुनौती
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल राहत पैकेज की मांग की है और कहा है कि यह समय राज्य को उसका जायज हक देने का है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने हमेशा देश को अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है और अब जब Punjab संकट में है, तो पूरा देश उसके साथ खड़ा होना चाहिए। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे राहत कार्यों में और भी चुनौतियां आ सकती हैं। सरकार, प्रशासन और आम जनता मिलकर इस मुश्किल घड़ी का सामना करने के लिए तैयार हैं।