हाल ही में एक इवेंट में शामिल हुईं बॉलीवुड अभिनेत्री Kajo को सोशल मीडिया पर बॉडी-शेमिंग का सामना करना पड़ा। एक पैपराजी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर काजोल का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह काले रंग की टाइट ड्रेस में बेहद खूबसूरत लग रही थीं। लेकिन कुछ यूजर्स ने उनकी बॉडी को लेकर भद्दे कमेंट्स करना शुरू कर दिया, यहां तक कि कुछ ने उन्हें प्रेग्नेंट तक कह दिया।
इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर Kajo के फैंस उनके समर्थन में उतर आए हैं। इस बीच, लोकप्रिय टीवी होस्ट और अभिनेत्री मिनी माथुर ने Kajo के बचाव में आकर उन ट्रोलर्स और पैपराजी को जमकर लताड़ा। मिनी ने उसी पोस्ट के कमेंट सेक्शन में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा, “आपकी हिम्मत कैसे हुई उनके शरीर पर जूम करने की? वह आप लोगों के मानकों के हिसाब से सदाबहार जवानी की कर्जदार नहीं हैं। आपको यह तय करने का कोई हक नहीं है कि उन्हें कैसा दिखना चाहिए।”
मिनी माथुर का यह बोल्ड कदम सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग उनके इस बेबाक रवैये की सराहना कर रहे हैं। उनके इस कमेंट को बॉडी-शेमिंग के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

बॉडी-शेमिंग: एक गंभीर मुद्दा
यह पहली बार नहीं है जब किसी बॉलीवुड हस्ती को बॉडी-शेमिंग का शिकार होना पड़ा हो। दुर्भाग्य से, सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स और यूजर्स अक्सर सेलिब्रिटीज को उनके पहनावे, वजन या शारीरिक बनावट के आधार पर निशाना बनाते हैं। Kajo, जो अपनी नेचुरल ब्यूटी और दमदार एक्टिंग के लिए जानी जाती हैं, भी अतीत में ऐसी आलोचनाओं का सामना कर चुकी हैं। उन्होंने कई बार खुले तौर पर बताया है कि कैसे उनके शुरुआती करियर में लोग उन्हें उनके रंग, वजन और चश्मे के लिए मजाक बनाते थे।
यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि समाज में बॉडी-शेमिंग की समस्या कितनी गहरी है। लोग अक्सर बिना सोचे-समझे दूसरों की शारीरिक बनावट पर टिप्पणी कर देते हैं, जिससे व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सेलिब्रिटीज होने के कारण वे और भी ज्यादा लोगों की नजरों में रहते हैं और ऐसे कमेंट्स का सीधा निशाना बनते हैं।
मिनी माथुर का बचाव न केवल Kajo के लिए था, बल्कि यह उन सभी महिलाओं के लिए एक संदेश था, जिन्हें उनके शरीर के लिए जज किया जाता है। उन्होंने यह साफ कर दिया कि किसी को भी दूसरे व्यक्ति के शरीर पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है और हर इंसान को वैसे ही स्वीकार किया जाना चाहिए, जैसा वह है। उनका यह कदम निश्चित रूप से इस मुद्दे पर एक स्वस्थ बहस को जन्म देगा और लोगों को दूसरों के प्रति अधिक संवेदनशील होने के लिए प्रेरित करेगा।