Jammu And Kashmir के कठुआ जिले में रविवार तड़के बादल फटने और उसके बाद हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हैं और हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। यह घटना कठुआ के राजबाग इलाके के जोध घाटी गांव में हुई, जहां अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई घर और सड़कें बह गईं।
घटना का विवरण:
कठुआ में शनिवार और रविवार की दरमियानी रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही थी। रविवार तड़के राजबाग के जोध घाटी गांव में अचानक बादल फटने से क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। पानी और मलबे का तेज बहाव अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहा ले गया। इस आपदा में 7 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 5 नाबालिग बताए जा रहे हैं। भूस्खलन के कारण कई घर मलबे में दब गए और कई लोग फंस गए।
राहत और बचाव कार्य:
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की संयुक्त टीम तत्काल मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्य शुरू किया। बचाव दल ने अब तक चार शव बरामद कर लिए हैं और छह घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, लगातार हो रही बारिश और मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। प्रशासन ने उझ नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए लोगों को नदियों और नालों से दूर रहने की अपील की है।
प्रभावित इलाके और नुकसान:
इस त्रासदी के कारण सिर्फ जान-माल का नुकसान ही नहीं हुआ, बल्कि आधारभूत संरचना को भी भारी क्षति पहुंची है। जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा बह गया है, जिससे यातायात बाधित हो गया है। इसके अलावा, रेलवे ट्रैक और कठुआ पुलिस स्टेशन भी प्रभावित हुए हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और उन्होंने कठुआ के एसएसपी से बात करके हालात का जायजा लिया है। उन्होंने बताया कि रेलवे ट्रैक और नेशनल हाईवे दोनों को नुकसान पहुंचा है और पुलिस स्टेशन भी प्रभावित हुआ है।
सरकारी सहायता और उच्च स्तरीय प्रतिक्रिया:
इस दुखद घटना पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात कर स्थिति की जानकारी ली। गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार इस आपदा की घड़ी में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। NDRF की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और बचाव कार्य में जुट गई हैं। Jammu And Kashmirर सरकार ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा, क्षतिग्रस्त घरों के लिए भी मुआवजे का ऐलान किया गया है।
सतर्कता और भविष्य की चुनौतियां:
यह आपदा Jammu And Kashmir में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं की श्रृंखला में एक और कड़ी है। कुछ समय पहले किश्तवाड़ में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जिसमें भारी जनहानि हुई थी। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे बचाव दल और प्रशासन के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।