हाँ, PM Modi ने कई बार कहा है कि भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। उनके अनुसार, यह प्रगति “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” (Reform, Perform, and Transform) की नीति और ईमानदार प्रयासों के कारण संभव हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था का वर्तमान स्थान और भविष्य का अनुमान
हाल के वर्षों में, भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार किया है। 2014 में, भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। आज, यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिसने जापान को पीछे छोड़ दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और नीति आयोग के सीईओ जैसे कई संस्थानों ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत की जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर चुकी है। कई वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनियों और ब्रोकरेज फर्मों, जैसे मॉर्गन स्टेनली और जेफरीज, ने भी अनुमान लगाया है कि भारत 2027 से 2030 तक जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
आर्थिक विकास के मुख्य कारण
- मजबूत मैक्रो-इकनॉमिक फंडामेंटल्स: भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई है, जिसमें विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि और राजकोषीय घाटे में गिरावट शामिल है।
- व्यापार और निवेश में वृद्धि: भारत दुनिया के कई बड़े देशों के साथ व्यापार समझौतों पर काम कर रहा है, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल रहा है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में भी लगातार वृद्धि हो रही है।
- डिजिटल क्रांति और स्टार्ट-अप: भारत में डिजिटल भुगतान और स्टार्ट-अप क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है, जिसने अर्थव्यवस्था को नई गति दी है।
- बुनियादी ढांचे का विकास: पिछले कुछ सालों में हवाई अड्डों, जलमार्गों और मेट्रो जैसे बुनियादी ढांचों में बड़ा बदलाव आया है, जिससे देश की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है।
- मेक इन इंडिया (Make in India): यह पहल देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दे रही है, जिससे भारत बड़ी-बड़ी मशीनें और उपकरण खुद बना रहा है।
चुनौतियों और संभावनाएं
हालांकि, बढ़ती आबादी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की धीमी वृद्धि जैसी कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है। फिर भी, भारत के पास एक युवा और महत्वाकांक्षी कार्यबल है, जो इसकी प्रगति का मुख्य कारण है। यदि देश इसी तरह सुधारों, निवेश और मजबूत नीतियों पर ध्यान केंद्रित करता है, तो भारत का तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना एक वास्तविकता बन सकता है।