Telugu Film उद्योग, जिसे टॉलीवुड के नाम से भी जाना जाता है, पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। फिल्म उद्योग के कर्मचारियों के एक बड़े समूह ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है, जिससे पूरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। इस हड़ताल का सीधा असर बड़े बजट की उन फिल्मों पर पड़ने की संभावना है, जिनकी शूटिंग फिलहाल जारी है। अगर यह गतिरोध लंबे समय तक बना रहा, तो इससे न केवल फिल्मों के निर्माण में देरी होगी, बल्कि करोड़ों रुपये का नुकसान भी हो सकता है।
क्या है विवाद का कारण?
यह विवाद Telugu Film इंडस्ट्री एम्प्लॉईज फेडरेशन और फिल्म निर्माताओं के बीच वेतन वृद्धि को लेकर चल रही बातचीत के विफल होने के बाद पैदा हुआ है। फेडरेशन की मुख्य मांग है कि उनके सदस्यों का वेतन तत्काल 30% बढ़ाया जाए, और बढ़ी हुई राशि का भुगतान दैनिक आधार पर किया जाए। फेडरेशन का कहना है कि पिछले पांच सालों से उनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। इस बीच, फिल्म निर्माता संघ का कहना है कि वेतन में इतनी बड़ी वृद्धि करना उनके लिए मुश्किल है, खासकर कोरोना महामारी के बाद की आर्थिक स्थिति को देखते हुए।
बड़े बजट की फिल्मों पर असर
टॉलीवुड में फिलहाल कई बड़े बजट की फिल्में बन रही हैं, जिनमें सुपरस्टार्स और महंगे सेट शामिल हैं। इन फिल्मों की शूटिंग के लिए सैकड़ों तकनीशियन, लाइटमैन, स्पॉटबॉय, मेकअप आर्टिस्ट और अन्य कर्मचारी एक साथ काम करते हैं। हड़ताल के कारण इन सभी का काम ठप हो जाएगा, जिससे शूटिंग रुक जाएगी। ऐसी फिल्मों के लिए एक-एक दिन की शूटिंग का खर्च लाखों-करोड़ों में होता है। शूटिंग रुकने से न केवल वित्तीय नुकसान होगा, बल्कि कलाकारों और तकनीशियनों की डेट्स भी प्रभावित होंगी। यह देरी आगे चलकर फिल्मों की रिलीज डेट को भी प्रभावित कर सकती है, जिससे बॉक्स ऑफिस पर भी असर पड़ सकता है।
निर्माता और फेडरेशन के बीच बातचीत
इस विवाद को सुलझाने के लिए Telugu Film चैंबर ऑफ कॉमर्स (Telugu Film Chamber of Commerce) और फिल्म कर्मचारियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है। फेडरेशन ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे काम पर नहीं लौटेंगे। वहीं, फिल्म चैंबर ने हड़ताल के इस फैसले की निंदा की है और इसे उद्योग के लिए हानिकारक बताया है।
आगे क्या?
फिलहाल दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उम्मीद है कि जल्द ही कोई बीच का रास्ता निकाला जाएगा, ताकि फिल्म उद्योग को इस बड़े संकट से बचाया जा सके। हालांकि, इस हड़ताल ने एक बार फिर से फिल्म उद्योग के जटिल श्रम संबंधों और वित्तीय चुनौतियों को उजागर कर दिया है। अगर यह हड़ताल लंबे समय तक खिंचती है, तो इसका असर न केवल Telugu Film उद्योग पर, बल्कि इससे जुड़े पूरे पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ेगा।