दिल्ली के Welcome Area में शनिवार सुबह एक हृदय विदारक घटना सामने आई, जहां जनता मजदूर कॉलोनी में एक तीन मंजिला इमारत अचानक ढह गई। इस दर्दनाक हादसे में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। मलबे में अभी भी कुछ लोगों के फंसे होने की आशंका है, जिसके चलते बचाव अभियान तेजी से जारी है।
सुबह का वक्त और अचानक गिरी इमारत
यह घटना सुबह करीब 7:00 से 7:30 बजे के बीच हुई, जब इलाके के ज्यादातर लोग गहरी नींद में थे या अपने दिन की शुरुआत कर रहे थे। ईदगाह रोड के पास स्थित जनता मजदूर कॉलोनी की गली नंबर 5 में यह इमारत भरभरा कर गिर गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। तेज धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और अपनी तरफ से बचाव कार्य शुरू कर दिया।
बचाव कार्य जारी, चुनौतियाँ बरकरार
घटना की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, दमकल विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंच गईं। दमकल की लगभग 7 गाड़ियां लगातार मलबा हटाने और फंसे हुए लोगों को निकालने का काम कर रही हैं। अब तक लगभग 8 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। हालांकि, माना जा रहा है कि इमारत में 10-12 लोग मौजूद थे, जिससे अभी भी कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका बनी हुई है।
इस इलाके की गलियां बेहद संकरी हैं, जिससे भारी मशीनों को घटनास्थल तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग भी प्रशासन की टीमों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं, एक-एक ईंट हटाकर जिंदगी की तलाश की जा रही है।
हादसे की वजह पर सवाल
फिलहाल इमारत ढहने की सही वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि इमारत काफी जर्जर थी और उसकी नींव कमजोर हो चुकी थी। यह भी बताया जा रहा है कि यह 30 से 35 गज के प्लॉट पर बनी चार मंजिला इमारत थी, जो नियमों का उल्लंघन कर बनाई गई हो सकती है। ऐसे घनी आबादी वाले इलाकों में पुरानी और कमजोर इमारतों का होना हमेशा एक बड़ा जोखिम पैदा करता है। इस हादसे ने एक बार फिर दिल्ली में अवैध निर्माण और पुरानी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और आगे की जांच
अधिकारियों ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। उत्तर-पूर्वी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त संदीप लांबा ने जानकारी दी कि इमारत के मालिक मतलूब अपने परिवार के साथ इसी इमारत में रहते थे। भूतल और पहली मंजिल खाली थी, जबकि ऊपरी मंजिलों पर लोग रह रहे थे। सामने वाली इमारत को भी इस हादसे में नुकसान पहुंचा है।
इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है और आसपास के लोग भी अपनी इमारतों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन ने आसपास की अन्य जर्जर इमारतों की भी जांच शुरू कर दी है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। इस मामले में आगे की जांच जारी है और जो भी जिम्मेदार पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह दुखद घटना दिल्ली में भवन सुरक्षा मानकों के अनुपालन और पुरानी इमारतों के नियमित निरीक्षण की आवश्यकता पर गंभीरता से विचार करने के लिए एक बार फिर आगाह करती है।